April 24, 2024

करनाल। शहीद भगत सिंह जैसा भारत मां को प्यार करने वाला कोई दीवाना आज तक भारत में पैदा नहीं हुआ। भगत सिंह ने आर्य समाज के डीएवी स्कूल के संपर्क में आकर राष्ट्र प्रेम के जो संस्कार सीखे थे उसी की बदौलत उसने भारत को आजाद करवाने के लिए राजगुरू सुखदेव शहीद युवाओं की टोली बनाकर संघर्ष आरंभ किया और स्वतंत्रता की बलिवेदी पर अपने जीवन की समिधा को आहूत कर युवाओं में नए जोश व क्रांति की मशाल को पुन: प्रज्वलित कर दिया।

यह विचार आर्य समाज प्रेम नगर करनाल में आयोजित शहीदी दिवस एवं वार्षिक उत्सव के उपलक्ष में आयोजित विशाल सभा को संबोधित करते हुए प्रखर ओजस्वी वक्ता एवं भारत स्वाभिमान के पतंजलि योग पीठ के राष्ट्रीय स्तर पर मु य केंद्रीय प्रभारी डॉ जयदीप आर्य ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जीवन में मां के संस्कारों का विशेष महत्व होता है। माता विद्यावती ने भागा वाले भगत सिंह को साहसी निर्भीक बनाने में विशेष भूमिका निभाई। पिता सरदार किशन सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे। चाचा अजीत सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे। उस वातावरण के प्रभाव में मां के संस्कारों ने भगत सिंह को राष्ट्र का
गौरव पुत्र बना दिया। इस कार्यक्रम को मेरठ से आए आचार्य वीरेंद्र रत्नम जी ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध शिक्षाविद करनाल के युवा साथी भाई सुरजीत सिंह सुबरी जी ने निभाई। माता सावित्री जी कुंजपुरा से माता सावित्री जी रामनगर से विशेष रूप से मंच पर शोभायमान थी। आर्य समाज प्रेम नगर के संरक्षक श्रीमान शमशेर कुमार आर्य जी आर्य समाज के सभी सदस्यगण आर्य केंद्रीय सभा करनाल के युवा महामंत्री भाई स्वतंत्र कुकरेजा जी पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी भाई सूर्य देव जी भारत स्वाभिमान के जिला प्रभारी भाई दिनेश शर्मा, गोसाई जी, सुनीता, केहर सिंह, संदीप आर्य, सुमित, रजनीश चोपड़ा , संजय, अजय दीप, युवराज आदित्य, ओम प्रकाश अंशु, नोटरी पब्लिक करनाल, दीपक रोहिला, ओम प्रकाश सचदेवा व धर्मवीर कुकरेजा सहित करनाल के प्रत्येक आर्य समाज के गणमान्य पदाधिकारी उपस्थित थे। तीन दिवसीय वार्षिक उत्सव के समापन पर डा. जयदीप आर्य का आर्य समाज की ओर से अभिनंदन किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.