कश्मीर के पुलवामा जिले के रतनपुरा गांव में करनाल के ढींगर माजरा गाँव के रहने वाले जांबाज हवलदार बलजीत सिंह की शहादत का बदला भारतीय सेना ने 24 घंटे के अंदर ले लिया ! बलजीत सिंह और एक अन्य जवान की शहदात से भारतीय सेना के जवानों व अधिकारियों का खून खौल उठा था ! अपने दो बहादुरों को खो देने से भारतीय सैनिकों की आंख का डोरा लाल हो गया !
50 राष्ट्रीय राइफल के कमां¨डग आफिसर कर्नल समर राघव ने कड़ा निर्णय लिया और कहा कि दोनों जवानों की शहादत का बदला लिए बिना कैंप में नहीं जाएंगे ! अपनी आंखों के सामने अपने प्रिय को खोने का गम और गुस्सा लेकर जवानों ने भी प्रण लिया कि वह आतंकवादियों को मौत के घाट उतारकर ही दम लेंगे 12 फरवरी की रात को बलजीत सिंह के नेतृत्व में सेना के जवानों ने रतनपुरा गांव की घेराबंदी की थी ,गांव में तीन आतंकवादी थे इनमें से एक को बलजीत सिंह ने मार दिया था, जबकि दो आतंकवादी अंधाधुध करते हुए भागे तो बलजीत व एक अन्य जवान को गोली लग गई थी !
सीओ समर राघव ने गुप्तचरों के माध्यम से आतंकवादियों की तलाश शुरू करवा दी, बुधवार को आतंकवादियों को पता लगने के साथ ही आंखों में गुस्से का तुफान लिए भारतीय जवानों ने पुलवामा जिले के ही एक क्षेत्र में घेर लिया और दोनों को गोलियों से छलनी करके मौत के घाट उतार दिया !
इस बात की पुष्टी 12 फरवरी की रात के आपरेशन में बलजीत ¨सह के साथ रहे नायब सूबेदार पीसी पिल्लई ने की, उन्होंने कहा कि घर परिवार से सैंकड़ों किलोमीटर दूर रहने वाले जवान ही एक दूसरे का सहारा होते हैं !
बलजीत सिंह की शहादत के बाद भारतीय जवानों में गुस्सा था और बुधवार को जब वह डिंगर माजरा गांव में बलजीत की अंतिम यात्रा में शामिल होने आ रहे थे तो रास्ते में ही उन्हें खबर मिल गई थी कि 12 फरवरी को फरार हुए दोनों आतंकवादियों को मार दिया गया है !
ये आतंकवादी मारे गए
12 फरवरी की रात को बलजीत सिंह ने कश्मीर के काकपुरा के बेगमबाग निवासी आतंकवादी हिलाल अहमद रादर को मार दिया था ! वह आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़ा हुआ था, मंगलवार की रात को पुलवामा जिले के आतंकवादी सुबहेब इरशाद लोन और पाकिस्तान के आतंकवादी हिलाल अहमद वानी को मार दिया गया !