प्रदेशभर के औद्योगिक संस्थानों, मॉल, वर्कशॉप, कॉल सेंटरों में काम करने वाले 30 लाख से अधिक कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश सरकार अब कर्मचारियों के बेटे की शादी पर भी शगुन योजना के तहत 21 हजार रुपए देगी। कर्मी खुद अविवाहित है तो उसे भी लाभ मिलेगा। पहले यह लाभ सिर्फ बेटियों की शादी पर मिलता था।
बेटे की शादी में तीन दिन पहले धनराशि दी जाएगी। कर्मचारी को अपने संस्थान की मैनेजमेंट से शादी के आयोजन का प्रमाण देना होगा। 6 माह के अंदर शादी पंजीकृत करवाकर उसका प्रमाण पत्र विभाग को सौंपना होगा। 5 की बजाय इसे 3 वर्ष कर दिया है। यह लाभ 25 हजार से कम सैलरी वाले ले सकते हैं।
वही इसके अलावा सरकार ने आईआईटी, मेडिकल, एसएससी, यूपीएससी और एचपीएससी परीक्षाओं की तैयारी के लिए 20 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक कोचिंग शुल्क देने का फैसला किया है। नोटिफिकेशन जारी कर 15 जनवरी से दोनों योजनाओं को लागू कर दिया है। सरकार श्रमिक वेलफेयर स्कीमों के तहत श्रमिकों के बेटे-बेटियों की क्लास वन से 12वीं तक की पढ़ाई जारी रखने पर स्कूल की वर्दी, किताब कापी आदि खरीदने को वित्तीय सहायता देती थी।
वही कोचिंग सहायता राशि का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें निर्धारित की गई हैं। जैसे श्रमिक कम से कम एक साल से संस्थान में कार्य कर रहा हो। जिस कोचिंग में बच्चा पढ़ना चाहता है वह तीन साल से संचालित हो रही हो। कोचिंग में कम से कम 300 विद्यार्थियों को पढ़ाने की क्षमता हो. बच्चे के अंक 60 फीसदी तक हो।
श्रमिकों के बच्चों को व्यावसायिक कोचिंग के लिए भी अलग से 20 हजार से एक लाख रुपए तक आर्थिक सहायता शर्तों के अनुसार देगी। 15 जनवरी से इस योजना को लागू कर दिया गया है। इस योजना का लाभ लेने के लिए बच्चे के कम से कम 60 फीसदी अंक होने चाहिए। उन्होंने बताया कि बच्चे के लिए यह राशि स्टाफ सलेक्शन कमीशन , आईआईटी, मेडिकल, यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन , हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन आदि के लिए दिए जाएंगे। यूपीएससी और एचपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा पास करने के बाद मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।