करनाल स्थित राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के कृषि विज्ञान केन्द्र में महिला किसान दिवस का आयोजन किया गया जिसमें मुख्यतौर पर फसल अवशेष प्रबन्धन के बारे में महिलाओं को जागृत किया गया।
संस्थान के निदेशक डा. आर.आर.बी. सिंह ने महिलाओं से आहवान करते हुए कहा कि वे परिवार के पुरूष किसानों को फसल अवशेष को भूमि में मिलाने के लिए प्रेरित करें ताकि भूमि की उपजाउ शक्ति को बढ़ाया जा सके। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष खेत में जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होने के साथ-साथ भूमि में उपलब्ध मित्र कीटों का भी नाश हो जाता है।
कार्यक्रम में मोहर सिंह, सहायंक मुख्य तकनीकी अधिकारी ने फसल अवशेष प्रबन्धन में इस्तेमाल होने वाली मशीनों के बारे में महिला किसानों को जानकारी दी तथा मशीनों के संचालन व उपयोगिता भी दर्शायी।
कार्यक्रम में दीपा कुमारी, तकनीकी अधिकारी ने मंच संचालन किया व खेती व पशुओं की जानकारी के बारे में प्रतियोगिता का भी संचालन किया। विजेता प्रतियोगियों को संस्थान के निदेषक द्वारा पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में एस.के.गुप्ता, पूर्व प्रधान वैज्ञानिक ने फसल अवशेष प्रबन्धन व भूमि संरक्षण में महिला किसानों को तकनीकी ज्ञान दिया।
डा. सुरेन्द्र कुमार, प्रभारी, कृषि विज्ञान केन्द्र ने महिलाओं से ऐसे कार्यक्रमों में सहयोग देने के लिये धन्यवाद किया व आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी महिला किसान केन्द्र के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग लेंगी तथा नई-नई तकनीकियों के स्थानान्तरण में मदद करेंगी।
कार्यक्रम में गांव दहा जागीर, पधाना, चिड़ाव, बीजना, बड़ौता व नरूखेड़ी की 100 से अधिक किसान महिलाओं ने भाग लिया।