राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञाानिकों ने मेरा गांव मेरा गौरव कार्यक्रम के तहत कैलाश तथा टिकरी गांव का दौरा किया और किसानों को आय बढ़ाने के टिप्स दिए। कैलाश गांव में पूर्व पार्षद बाघ सिंह के नेतृव्य में लोगों ने वैज्ञानिकों की टीम का स्वागत किया। वहीं टिकरी गांव में किसान मोर्चा के जिला प्रधान ईलम सिंह ने गांव का दौरा करने पर वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया। वैज्ञानिकों ने कहा कि डेरी सेक्टर किसानों की आय बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकता है। इसलिए पशुपालकों को चाहिए वे दूध का वैल्यू एडिशन (उत्पाद तैयार करना) करके अधिक मुनाफा कमाएं।
किसानों के सवालों का जवाब देते हुए डा. एमएम देव तथा डा. एके गुप्ता ने कहा कि देश का हर हिस्सा प्रजनन की समस्या से प्रभावित है। जिसकी वजह से पशुपालक को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। एनडीआरआई के वैज्ञानिक इस समस्या से निजात दिलवाने की दिशा मेंं ही काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पशु के हीट में आना का सही समय ब्याने के 60 दिन के बाद होता। उसके बाद उसका कृत्रिम गर्भाधान करवाना चाहिए।
एके चौहान ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि फ़ीड पशुधन के लिए महत्वपूर्ण इनपुट है। कुल दूध उत्पादन लागत का लगभग 70 प्रतिशत तक खर्च फीड फोडर पर आता है। इसलिए किसानों की आय बढ़ाने के लिए फीड फोडर पर आने वाली लागत को कम करना होगा।
डा. सुजीत झा ने 15 सितंबर से 2 अक्तूबर तक चल रहे स्वच्छता पखवाड़े का जिक्र करते हुए कहा कि अगर हम अपने पशुओं के आस पास साफ सफाई नहीं रखेंगे, तो हमारे पशु थनैला जैसी बीमारियों की चपेट में आ जाएंगे। थनैला एक गंभीर बीमारी है, इसलिए किसानों को साफ सफाई की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए।
डा. संचिता गरई तथा दीपा कुमारी ने महिला सशक्तिकरण पर बल देते हुए कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए सेल्फ हेल्फ ग्रुप बनाने चाहिए। इस अवसर पर किसानों के प्रोत्साहन के लिए उन्हें खनिज मिश्रण के पैकेट भी दिए गए। वैज्ञानिकों की टीम में डा. सुजीत झा, डा. एके गुप्ता, डा. एके चौहान, डा. आईडी गुप्ता, डा. जेन्सी गुप्ता, डा. राकेश कुमार टोंक, डा. संचिता गरई तथा दीपा कुमारी सहित दर्जनों विद्यार्थी शामिल रहे।