November 22, 2024

हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि बच्चों के लिए मां का दूध तंदरुस्त, मजबूत, बुद्धिमान, स्वाभिमानी, गौरवशाली बनाता है। मां को अपने औलाद पर गर्व होता है और मां गौरव से कहती है कि बेटा मेरे दूध की लाज रखना, मां की इस आवाज को बुलंद करने के लिए देश के सैनिकों और अन्य देशभक्तों ने अपनी जान को कुर्बान करके मां के दूध की लाज को रखा। मां के दूध की लाज ही देशभक्त को कर्तव्यनिष्ठा पाठ सिखाती है। मां का दूध वास्तव में पौष्टिक आहार है, हर मां को चाहिए कि वे अपने बच्चे के उज्ज्वल भविष्य के लिए कम से कम पहले 6 महीने अपना दूध जरूर पिलाए ताकि बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सके।

राज्यपाल सोमवार को एनडीआरआई के सभागार में हरियाणा मानवाधिकार आयोग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य व सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग, हरियाणा के संयुक्त रूप से आयोजित किए गए स्तनपान बच्चों का मूलभूत अधिकार विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आगाज राष्ट्रीय गान से हुआ। इससे पहले राज्यपाल व अन्य अतिथियों द्वारा एनडीआरआई सभागार के परिसर में ही स्तनपान बच्चे का मूल अधिकार विषय पर लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया तथा मुख्य अतिथि राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, वशिष्ट अतिथि हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन, मानवाधिकार आयोग हरियाणा के अध्यक्ष जस्टिस सतीश कुमार मित्तल, आयोग के सदस्य जस्टिस के.सी.पुरी, आयोग की सचिव रेणू फुलिया ने दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम की शुरूआत की।

राज्यपाल ने कहा कि मां का दूध बच्चे का अधिकार है, इस विषय को आम जनता तक पहुंचाने के लिए विश्व स्तर पर  अगस्त का पहला सप्ताह विश्व स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है और इस बार राज्य स्तरीय कार्यक्रम मानवाधिकार आयोग के माध्यम से मनाया गया, यह एक सराहनीय कदम है।

इस कार्यक्रम की जागरूकता के लिए स्तनपान विषय पर प्रदर्शनी लगाई गई जिसकी हर पेंटिंग विषय पर केन्द्रित है। उन्होंने कहा कि हर पेंटिंग करने से पहले थ्री-एच को केन्द्रित करना पड़ता है जिसमें  एक एच से हैंड (हाथ), एक से हैड (सिर) व एक से हार्ट (दिल) होता है तभी एक सकारात्मक विषय निकलता है जो आज के कार्यक्रम में लगाई गई प्रदर्शनी में हूबहू दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि मां द्वारा नवजात को तुरंत स्तनपान करवाना में कई भ्रांतियां हैं जोकि गलत है। मां के लिए सबसे जरूरी है उसका बच्चा और मां को चाहिए अपने बच्चे को सुंदर, सुडौल, मजबूत, बलशाली, दिमागदार बनाने के लिए उसे जन्म के तुरंत बाद स्तनपान करवाए। उन्होंने कहा कि माताओं को अपने बच्चे को 100 प्रतिशत स्तनपान करवाना चाहिए इससे भारत में बच्चे कुपोषण मुक्त होंगे और वो आने वाले समय में देश के विकास में चार चांद लगाएंगे।

कार्यक्रम के वशिष्ट अतिथि हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने कहा कि माता के दूध में बच्चे के लिए 400 प्रकार के पौषक तत्व पाए जाते हैं जो बच्चों को हर तरह से विकसित करते हैं। मां का दूध बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। मां का दूध बच्चों को जन्म के तुरंत बाद मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए समाज में जागरूकता की जरूरत है। किसी भी मां को किसी प्रकार के अंधविश्वास से ऊपर उठकर अपने नवजात शिशु को अपना दूध पिलाना चाहिए ताकि वह कहावत भी सार्थक हो सके जिसमें कईं बार कहते सुना है कि यदि ‘मां का दूध पिया हो तो सामने आओ’। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार आयोग का ये सराहनीय कदम है और बच्चे के उज्ज्वल भविष्य के लिए अच्छा प्रयास है।

मानवाधिकार आयोग हरियाणा के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के संयोजक जस्टिस सतीश कुमार मित्तल ने कहा कि 1992 से पहले पूरे विश्व में शायद सभी को मिलता हो इस विषय पर कोई विवाद नहीं था जब बच्चों में कुपोषण बढ़ता गया तो यह चिंता का विषय बन गया। इसके लिए विश्व के देशों ने 1992 में विश्व स्तनपान दिवस मनाने का निर्णय लिया और हर मां को जागरूक करने के उद्देश्य से साल के अगस्त महीने के पहले सप्ताह में स्तनपान बच्चे का मूल अधिकार विषय पर जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया ताकि बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सके।

मां का दूध ही ऐसा दूध है जो बच्चों का रोगमुक्त बनाता है। यह मां का दूध रोगों से लडऩे में कवच का काम करता है। बच्चों के लिए अन्य उपकरणों से जो दूध पिलाया जाता है उस पर बैन किया गया और मां के दूध अमृत है जिसमें 88 प्रतिशत पानी और 12 प्रतिशत अन्य गुणकारी आवश्यक तत्व हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को समय पर मां का दूध न मिलने से देश ही नहीं संसार में बच्चों की मृत्यु दर बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक बच्चों को 2 साल स्तनापन करवाना आवश्यक है, कुपोषण से बच्चों की होने वाली मृत्यु में 30 प्रतिशत की कमी आएगी। उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार मां को बच्चे की देखभाल के लिए कार्यालयों में 6 माह का मातृत्व अवकाश मिलता है और मां के दूध के अलावा बोतल में पीने वाले दूध के प्रचार पर रोक लगी है। उन्होंने कहा कि सभी समाजसेवी संस्थाओं को स्तनपान संदेश घर-घर पहुंचाने चाहिए ताकि देश स्वस्थ बन सके।

मानवाधिकार आयोग हरियाणा के सदस्य जस्टिस के.सी.पुरी ने कहा कि मां का दूध नवजात के लिए सबसे उत्त्तम है, इसमें प्रोटिन, विटामिन, वसा व न्यूट्रीन पदार्थ मिलते हैं और बच्चों के पेट में कीड़े जैसी बीमारियों को भी समाप्त करता है। बच्चों को पहले 6 महीने में मां का दूध ज्यादा जरूरी है इससे कैंसर, खून की कमी जैसी बीमारियों से बचाया जा सकता है। उन्होंने सभी आए हुए अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर बाल रोग विशेषज्ञ डा. ए.पी. मेहता ने बच्चों में मां के दूध महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

कार्यक्रम में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जीटी रोड पानीपत की लड़कियों ने स्तनपान विषय पर अपनी सुंदर प्रस्तुति दी तथा स्तनपान से मिलने वाले लाभ के विषय में एक नाटक प्रस्तुत किया जिसकी सभी अतिथियों ने सराहना की। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तरावड़ी की छात्राओं ने भी स्तनपान विषय पर अपना कार्यक्रम प्रस्तुत किया। मानवाधिकार आयोग हरियाणा की सचिव रेणू फुलिया ने आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद किया और कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी और सभी महिलाओं से कहा कि वे अपने बच्चे के उज्ज्वल भविष्य के लिए स्तनपान जरूर करवाएं और आसपास प्रचार भी करें।

मेवात की तनिष्का रही प्रथम, राज्यपाल ने किया सम्मानित

स्तनपान विषय पर लगाई गई प्रदर्शनी में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली जिला मेवात की तनिष्का को 5100 रुपये व प्रशस्ति पत्र, दूसरा स्थान प्राप्त करने वाली अम्बाला जिले की विशाखा को 3100 रुपये और प्रशस्ति पत्र तथा तीसरा स्थान प्राप्त करने वाली जिला रोहतक की लक्ष्यता को 2100 रुपये और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया इसके अतिरिक्त मुख्य अतिथि राज्यपाल द्वारा 10 छात्राओं को 1100-1100 रुपये व प्रशस्ति पत्र देकर सांत्वना पुरस्कार दिया गया।  इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाली छात्राओं को भी आयोजकों द्वारा सम्मानित किया गया।

ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम में उपायुक्त आदित्य दहिया, पुलिस अधीक्षक एस.एस. भोरिया, मानवाधिकार के रजिस्ट्रार एस.सी. गोयल, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग की संयुक्त निदेशक गौरी मिड्डा, एसडीएम करनाल नरेन्द्र पाल मलिक, कार्यक्रम की नोडल एवं एसडीएम इन्द्री ईशा काम्बोज, महिला एवं बाल विकास विभाग की डीपीओ रजनी पसरीजा, जिला शिक्षा अधिकारी ईश्वर मान सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.