भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान में डीसी रेट पर कार्य कर रहे मजदूर हरियाणा सरकार द्वारा लागू किया गया डीसी रेट न मिलने के कारण आज तेहरवें दिन भी हड़ताल पर डटे रहे। हड़ताल पर बैठे मजदूरों का कहना है कि संस्थान में लम्बे समय से कार्य कर रहे दैनिक वेतन भोगी श्रमिक जिला के साथी आलाधिकारियों से अपनी मांग को लेकर मिले, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके चलते मजदूरों में भारी रोष व्याप्त है।
संस्थान के निदेशक डा. ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह अपनी बात पर अडिग हैं और कोई भी बात सुनने पर राजी नहीं है। इधर समस्त मजदूर हड़ताल पर डटे हुए हैं। रोषजदा मजदूरों का कहना है कि अब तो उन्हें लगने लगा है कि सरकार द्वारा की गई घोषणाएं मात्र दिखावा है।
हड़ताल पर बैठे मजदूरों ने कहा कि संस्थान में पहले से लागू डीसी रेट को घटाया जाना कहीं न कहीं मजदूरों का आर्थिक शोषण है और जब तक मजदूरों का शोषण बंद नहीं होता मजदूरों की लड़ाई शोषण के विरुद्ध जारी रहेगी। हड़ताली मजदूरों ने कहा कि इस संस्थान की स्थापना से अब तक यहां पर डीसी रेट मिल रहा था जोकि हर साल बढ़ता है। 2017 में यह रेट 465 प्रतिदिन लागू था जोकि म मार्च 2018 को बढक़र 535 रुपये प्रतिदिन हुआ है।
अब निदेशक महोदय भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल ने आदेश जारी किया है कि इस संस्थान में अब डीसी रेट लागू नहीं होगा और यहां पर केन्द्र का रेट लागू किया जा रहा है जोकि 318 रुपये प्रतिदिन है, जिससे मजदूरों का गुजारा नहीं चल सकता।
उन्होंने कहा कि यह एक प्रकार से शोषणा है जबकि एक तरफ सरकार घोषणा करती है कि समान काम के लिए समान वेतन दूसरी तरफ सरकार के नुमाईंदे सरकार के आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं। इस अवसर पर मजदूर संगठन ने मांग की कि उनकी मांग को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
आज की हड़ताल म अश्विनी कुमार, जयभगवान डबरी, आनंदपाल, सतपाल, ताराचंद, विक्रम, विकास, सोहनलाल, प्रीतम, तेजपाल, सरोज, ममता, कलावती, प्रेमो, महिंद्रा, सुनीता आदि उपस्थित रहे।