November 3, 2024

यकीन जानिये, केवल पॉलिथीन का इस्तेमाल बंद कर हम गंदगी की समस्या का आधा निदान कर सकते हैं. गंदगी का सबसे बड़ा जड़ है पॉलिथीन. इस पर लगा प्रतिबंध कठोरता से लागू हो, तो आधी समस्या खत्म हो जायेगी. नगर निगम की टीम सोमवार से नो पॉलीथिन अभियान पर काम शुरू करेगी।

बाजारों में जाकर चेकिंग की जाएगी और पॉलीथिन व इससे बने सामान के मिलने पर दुकानदार का चालान होगा। क्वांटिटी के हिसाब से यह 500 रुपये से लेकर 25 हजार तक होगा।

कुछ दिन पहले निगम मुनादी करवाकर आगाह कर चुका है। दुकानदारों को एक सप्ताह का समय दिया गया था। जो शनिवार को पूरा हो जाएगा। ईओ ने बताया कि अभियान के तहत होलसेलर, फुटकर व रेहड़ी वालों के पास रखा पॉलीथिन व इससे बना सामान जब्त किया जाएगा। सौ ग्राम तक वजन के पॉलीथीन पर 500 रुपये, 500 ग्राम तक 1500 रुपये, एक किलो तक 3 हजार रुपये, एक से अधिक व पांच किलो तक 10 हजार, 10 किलो तक 20 हजार और 10 किलो से अधिक पर 25 हजार रूपये जुर्माना किया जाएगा। जो दोषी दुकानदार चालान की राशि जमा नहीं करवाएगा। उसका चालान कोर्ट में पेश किया जाएगा।

अभियान में निगम का साथ दें नागरिक

ईओ धीरज कुमार ने जनता से अपील की है कि वह पर्यावरण की सुरक्षा और भावी पीढ़ी को शुद्ध वातावरण देने के लिए पॉलीथीन के प्रयोग से तौबा करें। कपड़े या जूट के बैग उठाने की आदत डालें। जैसा वर्षों पहले हम करते थे। उन्होंने कहा कि पॉलीथिन के खिलाफ अभियान में निगम का सहयोग करें। यह सबके हित में है।

पाॅलिथीन अपने हर रूप में जानलेवा है. जलाये बिना भी पॉलिथीन लगातार खतरनाक गैसों (बेंजीन, क्लोराइड, विनायल और इथनॉल ऑक्साइड) का उत्सर्जन कर हवा को विषाक्त बनाता रहता है. यही कारण है कि पॉलिथीन फैक्टरी में काम करनेवालों को आम आदमी की तुलना में कैंसर होने का खतरा 80 फीसदी ज्यादा होता है. पॉलिथीन से उत्सर्जित होनेवाली गैस इसका इस्तेमाल करनेवाले के लिए भी घातक है. लगातार प्लास्टिक की बोतल में पानी या चाय पीनेवालों को कैंसर तक हो सकता है. इस्तेमाल के बाद पॉलिथीन को फेंकना भी कम खतरनाक नहीं है. जमीन में दबाने पर भूमि को बंजर बनाने के साथ यह स्वच्छ जल के स्रोत (कुआं, चापानल आदि) को प्रदूषित करता है. पॉलिथीन से दूषित पानी पीने से खांसी, सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन, चक्कर आना, मांसपेशियों का शिथिल होना, हृदय रोग से पीड़ित हो सकते हैं. फेंका गया पॉलिथीन पूरे पर्यावरण पर असर डालता है.

स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक

ईओ धीरज कुमार ने बताया कि पॉलीथिन का प्रयोग न करने के प्रति समय-समय पर अभियान चलाए जाते हैं। दुकानदारों को आगाह भी किया जाता है कि वह पॉलीथिन के सामान की बिक्री न करें और कंटेनर में ग्राहकों को सामान डालकर भी न दें। क्योंकि इसके स्पर्श से ही हमारे शरीर पर दुष्प्रभाव होने लगते हैं। पॉलीथिन में गर्म पदार्थ डालना तो स्वास्थ्य के लिए और भी हानिकारक है। इससे बचें। दुकानदार और ग्राहक इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि इसका प्रयोग किसी भी तरह से उचित नहीं है। जहां-जहां यह जमीन पर गिरता है। उसे बंजर कर देता है। सीवरेज लाइनों में फंसकर उन्हें अवरूद्ध कर देता है। इसमें से जहरीली गैसें निकलती हैं, इससे शरीर में कैंसर तक हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.