गर्मी के मौसम में भी लोगों को पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध रहेगा, जनता से भी अपील है, कि जल भविष्य के लिए बचाएं, इसे व्यर्थ ना बहाएं। मंगलवार को सैक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय के सभागार में जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक के दौरान उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने यह बात कही। बैठक में विभाग के अधीक्षण अभियंता रमेश कुमार, कार्यकारी अभियंता एस.पी. जोशी, नगर निगम के कार्यकारी अभियंता महेन्द्र सिंह व इंजीनियरिंग विंग के कंसल्टेंट अनिल मेहता के अतिरिक्त पब्लिक हेल्थ के एस.डी.ओ. व जे.ई. ने भी भाग लिया।
बैठक में उपायुक्त ने करनाल शहर के साथ-साथ नीलोखेड़ी, इन्द्री, तरावड़ी व असंध में वाटर सप्लाई की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली, जिसमें बताया गया कि जिला में पेयजल आपूर्ति की स्थिति अच्छी है। गर्मी को देखते हुए जेनरेटर सैट व मोटरें रिजर्व में उपलब्ध हैं। प्रतिदिन, प्रति व्यक्ति 135 लीटर पेयजल मुहैया करवाया जा रहा है।
करनाल शहर में इसकी प्रतिदिन 11 घण्टे आपूर्ति हो रही है, जोकि प्रात: 5 बजे से साढे 9 तक, दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक और सांय 5 बजे से साढे 9 बजे तक है। इसी प्रकार इन्द्री टाऊन में प्रात: 5 से 8, दोपहर 12 से 2 और सांय 5 से 10 बजे तक आपूर्ति की जा रही है। जबकि नीलोखेड़ी में प्रात: 5 से 9, दोपहर बाद साढे 12 से डेढ बजे तक और सांय 5 से 9 बजे तक पेयजल आपूर्ति दी जा रही है।
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा खरीदे गए विद्युत ट्रांसफार्मर से यू.एच.बी.वी.एन. यदि किसी एरिया या कॉलोनी में बिजली सप्लाई करते हैं, तो उसे ना करने दें, ताकि ट्रांसफार्मर पर अतिरिक्त लोड ना पड़े। उन्होने कहा कि यू.एच.बी.वी.एन. को लिखा जाएगा, कि वे पेयजल आपूर्ति के घण्टों में पावर कट ना लगाएं, यदि शैड्यूल में ऐसा है, तो उसे बदलें, ताकि पानी की आपूर्ति निर्बाध रूप से बनी रहे।
उन्होने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि गर्मी के सीजन को देखते हुए वे पानी के टैंकरों का बंदोबस्त भी कर लें। पेयजल लाईन में यदि कहीं लीकेज की शिकायत मिले, तो उसका तुरंत समाधान करें। शहरी क्षेत्रो में प्रतिदिन कितने घण्टे नलकूप चलाकर पेयजल आपूर्ति की गई, इसका डाटा तैयार करें। बता दें कि सिटी में 30 प्रतिशत पानी की आपूर्ति हुडा तथा 70 प्रतिशत जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही है।
बैठक के पश्चात उपायुक्त ने शहर के मॉडल टाऊन, कर्ण गेट व जाटों गेट स्थित बुस्टिंग स्टेशनों का निरीक्षण किया। उन्होने इन स्टेशनों पर लगी मोटरों को चालू करवाकर देखा। बुस्टर की कार्य क्षमता भी देखी। पेयजल को क्लोरिन युक्त
बनाने के लिए डोजर पम्प से पेयजल लाईन में सोडियम हाईपोक्लोराईड मिक्स किए जाने की विधि को भी चैक किया। उपायुक्त ने कर्ण गेट स्थित प्रदेश स्तरीय टेस्टिंग लैब का भी निरीक्षण किया।
इस लैब में पानी के सैम्पल लिए जाते हैं, जिनमें बैक्टीरियोलॉजिकल, कैमिकल और हैवी मैटल टैस्ट होते हैं। उपायुक्त ने प्रेम नगर स्थित जलघर नम्बर-3 का भी निरीक्षण किया। इसमें नया नलकूप लगाया गया है, जो शीघ्र ही चालू हो किया जाएगा।