December 22, 2025
22 Dec 22
  • करनाल के नीलोखेड़ी के 37 वर्षीय भगत सिंह की इटली में उनके रूममेट ने हत्या कर दी।
  • परिवार ने ₹50 लाख का कर्ज लेकर 3 साल पहले भगत को विदेश भेजा था; अब घर में कोई कमाने वाला नहीं।
  • बुजुर्ग माँ, पत्नी और दो मासूम बच्चों ने सरकार से शव को भारत लाने और आर्थिक मदद की अपील की है।
  • Gpay No.– 9996756702 (Bhagat Singh)
  • Account No.- 50100047667119
  • Name– Bhagat Singh
  • IFSC Code– HDFC0002898
  • For Foreign Donors : https://gofund.me/8b5c015b8

करनाल के नीलोखेड़ी स्थित किसान बस्ती में उस समय मातम छा गया, जब इटली से 37 वर्षीय भगत सिंह की हत्या की खबर उनके घर पहुँची। भगत सिंह अपने परिवार के बेहतर भविष्य और दो छोटे बच्चों के उज्ज्वल कल के सपने लेकर तीन साल पहले विदेश गए थे। उन्होंने अपनी पुर्तगाल की पीआर (स्थायी निवास) हासिल कर ली थी और मात्र दो महीने पहले ही वे काम के सिलसिले में इटली रहने आए थे। लेकिन किसे पता था कि जिस रूममेट के साथ वे रह रहे थे, वही उनकी जान का दुश्मन बन जाएगा।

जानकारी के अनुसार, भगत सिंह की हत्या उनके ही रूममेट सतीश ने की है, जो मूल रूप से नीलोखेड़ी के पास भटाना गांव का ही रहने वाला है। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हुई, जिसके बाद सतीश ने भगत सिंह को मौत के घाट उतार दिया और उनके शव को बाहर फेंक दिया। इटली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी सतीश को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन भगत सिंह की मृत्यु ने उनके परिवार को गहरे आर्थिक और मानसिक संकट में डाल दिया है।

भगत सिंह अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे। उनकी 70 वर्षीय बुजुर्ग माँ, पत्नी रूमा और दो बच्चे (9 वर्षीय बेटा और 12 वर्षीय बेटी) अब पूरी तरह बेसहारा हो गए हैं। परिवार ने अपनी जमीन बेचकर और करीब ₹50 लाख का भारी कर्ज लेकर भगत को विदेश भेजा था। अभी तक भगत की कोई बड़ी कमाई भी शुरू नहीं हुई थी कि यह दुखद घटना घट गई। अब परिवार के पास न तो कर्ज चुकाने के पैसे हैं और न ही बच्चों की पढ़ाई का कोई जरिया बचा है।

भगत सिंह की बुजुर्ग माँ और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। वे केवल एक ही गुहार लगा रही हैं कि किसी भी तरह उनके बेटे का शव भारत वापस लाया जाए ताकि वे आखिरी बार उसका चेहरा देख सकें और विधि-विधान से अंतिम संस्कार कर सकें। इटली से शव मंगवाने का खर्च लाखों में बताया जा रहा है, जिसे वहन करने में परिवार पूरी तरह असमर्थ है। परिवार ने सरकार, प्रशासन और आम जनता से आर्थिक सहयोग की मार्मिक अपील की है ताकि वे इस कठिन समय से उबर सकें और शव को वापस ला सकें।

स्थानीय निवासियों और रिश्तेदारों ने भी प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में हस्तक्षेप कर शव को जल्द से जल्द भारत लाने की व्यवस्था की जाए। परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए बैंक विवरण और सहायता के लिए संपर्क नंबर भी जारी किए गए हैं। नीलोखेड़ी का यह परिवार अब केवल न्याय और अपने लाल के अंतिम दर्शन की प्रतीक्षा में बिलख रहा है।

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