करनाल में एक बार फिर रफ्तार और नशे की जुगलबंदी ने एक गरीब परिवार की खुशियां उजाड़ दीं। शहर के नमस्ते चौक के पास एक तेज रफ्तार कार ने ई-रिक्शा को इतनी जबरदस्त टक्कर मारी कि रिक्शा कई फीट तक घिसटता चला गया। इस भीषण हादसे में ई-रिक्शा चालक गुरविंदर की दर्दनाक मौत हो गई। घटना के समय मृतक के पिता भी कुछ दूरी पर पीछे आ रहे थे, जिन्होंने अपनी आंखों के सामने अपने बेटे को काल के गाल में समाते देखा।
मृतक के पिता ने बताया कि गुरविंदर अपना ई-रिक्शा लेकर घर की ओर मुड़ रहा था, तभी दूसरी दिशा से आ रही एक अनियंत्रित कार ने उसे सीधी टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि ई-रिक्शा तीन-चार बार पलट गया। आनन-फानन में गुरविंदर को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। गुरविंदर शादीशुदा था और उसकी महज पांच-छह महीने की एक छोटी बच्ची है। पूरे परिवार की जिम्मेदारी गुरविंदर के कंधों पर थी, जो ई-रिक्शा चलाकर अपना गुजारा कर रहा था।
हादसे के बाद कार की तलाशी ली गई तो उसमें नमकीन और चिप्स के पैकेट बिखरे मिले, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कार सवार नशे की हालत में थे। परिजनों ने आरोप लगाया है कि कार में सवार युवकों ने शराब पी रखी थी और उनके पास इस बात के पुख्ता वीडियो साक्ष्य भी मौजूद हैं। मृतक की बहन और अन्य रिश्तेदारों ने मौके पर पहुंची पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि डायल 112 की टीम ने आरोपियों को पकड़ने के बजाय उन्हें मौके से भगाने में मदद की और पीड़ितों के साथ ही बहसबाजी की।
परिजनों का कहना है कि यदि पुलिस ने तत्परता दिखाई होती और आरोपियों का तुरंत मेडिकल कराया होता, तो उनके नशे में होने की पुष्टि हो जाती। फिलहाल, गुरविंदर की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। बिलखते परिजनों ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है और आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन परिजनों के आरोपों ने पुलिस की निष्पक्षता पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। क्षेत्र के लोगों ने भी इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए रात के समय पुलिस गश्त बढ़ाने और शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर लगाम कसने की मांग की है।