पाक गोलीबारी में रविवार को देश की सुरक्षा करते हुए शहीद होने वाले गुरुग्राम के कैप्टन कपिल कुंडू इसी माह की 10 तारीख को 23 साल के होने वाले थे। देश की सीमा की रक्षा करते हुए देश के लिए के सर्वोच्च बलिदान देने से पहले कैप्टन कुंडू ने डटकर दुश्मनों से लोहा लिया था।
अपनी बहन का इकलौता भाई कैप्टन कपिल कुंडू अपनी मां का भी सहारा था। मां सुनीता ने पति के ना होने पर बेटे को देश सेवा के लिए सेना में भर्ती का फैसला बड़ी हिम्मत के साथ लिया होगा।
कपिल के शहीद होने की खबर मिलते ही गुरुग्राम स्थित उसके घर पर देर रात लोगों के पहुंचने की सूचना है। इस घटना के बाद से सोशल मीडिया पर कपिल के साथ गुजरे पल की फोटो शेयर कर उनको याद कर रहे हैं। किसी ने लिखा, कैप्टन कपिल कुंडू की शहादत और उनके परिजनों की हालत को सोचते हुए ये लिखने से पहले मेरे हाथ कांप रहे हैं। किसी ने लिखा उनके परिवार के लोगों को इस महान दुख को सहने की क्षमता भगवान दे।
जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से पाकिस्तान की फायरिंग में चार जवान शहीद हो गए हैं। रविवार को पुंछ सेक्टर में हुए संघर्षविराम उल्लंघन में एक जवान घायल भी हुआ है। 22 साल की उम्र में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान करने वाले कैप्टन कपिल कुंडू गुरुग्राम के रहने वाले थे। कैप्टन कपिल की मां का कहना है कि उनका इकलौता बेटे पर देशभक्ति का जुनून था। वह देश के लिए कुछ भी करने को हमेशा तैयार रहता था।
वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शहीद कैप्टन कपिल ने अपने फेसबुक के स्टेटस में आनंद फिल्म का डॉयलॉग “जिंदगी लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिए” लिखा है। कैप्टन कपिल कुंडू 5 दिन के बाद ही अपना 23वां बर्थडे मनाने वाले थे। 10 फरवरी को उनका 23वां जन्मदिन था। गुरुग्राम के रहने वाले कैप्टन के सिर से पिता का साया उठने के बाद भी उनकी मां सुनीता ने उन्हें देश सेवा के लिए फौज में भेजने का साहसिक फैसला लिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैप्टन कुंडू का चार दिन पहले ही प्रमोशन हुआ था। एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए कुंडू के दादाजी ने बताया कि दो दिन पहले पोते से बात हुई थी।