December 18, 2024
14 Dec 13
  • प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने लिया कड़ा संज्ञान
  • हरियाणा मानव अधिकार आयोग के दखल के बाद करनाल के आशीष का हुआ इलाज
  • अस्पतालों में पीने का पानी, वाशरूम और पंखे जैसी मूलभूत सुविधाएं सबको मिले-जस्टिस ललित बत्रा

चंडीगढ़-13 दिसंबर- हरियाणा मानव अधिकार आयोग में करनाल निवासी आशीष ने शिकायत दर्ज कराई कि कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज, करनाल के डॉक्टर मरीजों को बारी से नहीं देख रहे हैं। वे अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को टोकन/नंबर दिए बिना ही देख रहे हैं।शिकायतकर्ता उक्त अस्पताल से इलाज करवा रहा है और अपनी बारी आने के लिए लंबी कतार में इंतजार करना पड़ता है।करनाल निवासी आशीष ने इस मामले में आयोग से सख्त कार्रवाई करने की मांग की।

मामला स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा होने के कारण हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया और केस आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा और सदस्य कुलदीप जैन (पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश) की डबल बेंच में लगा।

आयोग के सूचना व जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने पारित आदेश दिनांक 26.4.2023 के अनुसार बताया कि यह शिकायत कल्पना चावला राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, करनाल में मरीजों के साथ व्यवहार करते समय कुप्रबंधन के संबंध में है।विभिन्न सरकारी अस्पतालों में कुप्रबंधन के संबंध में इस हरियाणा मानव अधिकार आयोग को समय-समय पर कई अन्य शिकायतें दी गई हैं।

आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा ने अपने निर्णय में लिखा है कि बुनियादी चिकित्सा सुविधाएं एक नागरिक का मूल मानवाधिकार हैं।इसके अलावा जब सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर बहुत सारा बजट खर्च करती है, तो बुनियादी चिकित्सा सुविधाएं राज्य के नागरिकों को आसानी से उपलब्ध कराई जानी चाहिए।आयोग का मानना ​​है कि प्रणाली में सुधार की हमेशा गुंजाइश होती है, इसलिए इस संबंध में महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं, हरियाणा, पंचकूला से सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरियों की ओपीडी में अपनाई गई प्रणाली के बारे में निम्न बिंदुओं पर एक रिपोर्ट भी मांगी गई।

1. क्या अस्पतालों में पहले आओ पहले पाओ प्रक्रिया का पालन किया जाता है या नहीं?
2. क्या अस्पताल में मरीजों की भीड़ को प्रबंधित करने के लिए कोई गैजेट (डिस्प्ले बोर्ड) स्थापित है?
3. क्या अस्पतालों के ओपीडी के स्थान/प्रतीक्षा क्षेत्र में पानी, शौचालय, पंखे जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं?

आयोग के सूचना व जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने बताया कि हरियाणा मानव अधिकार आयोग के उपर्युक्त दिशानिर्देशों की पालना करते हुए कल्पना चावला राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं अस्पताल, करनाल के संबंधित प्राधिकारियों से भी रिपोर्ट माँगी थी।

डॉ. पुनीत अरोड़ा ने बताया कि रिपोर्ट में लिखा है कि आयोग के संज्ञान के बाद शिकायतकर्ता द्वारा उठाए गए मामले में उपरोक्त अस्पताल के डॉक्टरों की समिति द्वारा जांच की गई थी।समिति ने “समय की पाबंदी, गैर-पेशेवरता, इलाज में लापरवाही, मित्रों और रिश्तेदारों को वीआईपी व्यवहार” के संबंध में जाँच की।समिति ने जाँच के बाद विभागाध्यक्ष, दंत चिकित्सा की राय दी है कि उपरोक्त शिकायत के आलोक में विभागीय मानक संचालन प्रोटोकॉल तैयार करें और उसे सख्ती से लागू करें और मामले में आवश्यक कार्रवाई करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.