November 23, 2024

करनाल/कीर्ति कथूरिया :  आज यहां डा. मंगलसेन सभागार में घरौंडा हलके की पोलिंग पार्टियों को दो पारियों में प्रशिक्षण दिया गया। ट्रेनिंग के नोडल अधिकारी एवं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक चौधरी ने प्रशिक्षण पाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों से कहा कि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की कोताही न बरतें।

पूरी निष्ठा, ईमानदारी से चुनाव प्रक्रिया को संपन्न करायें। उन्होंने कहा कि इस बार हर बूथ पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे। मुख्यालय पर बैठे अधिकारियों की भी हर बूथ पर कैमरे के माध्यम से नजर रहेगी। आयोग की ओर से पहली बार वेब कास्टिंग की व्यवस्था की गई है।

मॉक पोल प्रक्रिया को समझाया
पोलिंग पार्टियों को पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से चौधरी के अलावा एसोसिएट प्रोफेसर भूपेंद्र ने ट्रेनिंग दी। इस दौरान घरौंडा हलका के एसडीएम राजेश सोनी भी मौजूद रहे। चौधरी ने मतदान से पहले पूरी की जाने वाली मॉक पोल प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया मतदान आरंभ होने से पहले यानी सुबह 5.30 बजे दो पोलिंग एजेंट्स की मौजूदगी में शुरू की जानी चाहिये। यदि किसी कारणवश पोलिंग एजेंट मौजूद नहीं है तो 15 मिनट इंतजार के बाद एक एजेंट की मौजूदगी में प्रक्रिया आरंभ करें। यदि एक भी एजेंट उपस्थित न हो तो सुपरवाइज/सेक्टर ऑफिसर की मौजूदगी में, अगर ये भी उपलब्ध न हों तो पूरी टीम मिलकर मॉक पोल की प्रक्रिया को पूरा करे।

मॉक पोल के दौराना नोटा सहित हर प्रत्याशी को बराबर वोट डालते हुए कम से कम 50 वोट डालें। वीवीपैट से पर्चियां निकालकर उनका सीयू से मिलान करें । इन पर्चियों के पीछे हस्ताक्षर करने के बाद इन्हें काले रंग के लिफाफे में सील बंद करें। मॉक पोल संबंधी सर्टिफिकेट के लिये पीओ रिपोर्ट नंबर एक को भरें। सीयू को क्लीयर करने के बाद मतदान की प्रक्रिया निर्धारित समय पर आरंभ करें। यह भी बताया कि मॉक पोल के समय पोलिंग पार्टी के सभी सदस्य मौजूद रहने चाहियें।

मशीन खराब होने पर क्या करे
उन्होंने कहा कि यदि मॉक पोल के दौरान बीयू, सीयू अथवा वीवीपैट खराब होती है तो तीनों में से जो यूनिट खराब हो उसे बदल दें। नई यूनिट लगाने के बाद मॉक पोल करें और पीठासीन अधिकारी इस का विवरण रिपोर्ट में दर्ज करें। जिस यूनिट को बदला गया है उसे बूथ पर न रखकर सेक्टर अधिकारी को सौंप दें।

उन्होंने कहा कि यदि मतदान के दौरान बीयू अथवा सीयू खराब होती है तो पूरा सेट(बीयू, सीयू, वीवीपैट) बदल दें। नई मशीन के साथ मॉक पोल करें लेकिन इस बात का ध्यान रखा जाये कि इस बार मॉक पोल के दौरान केवल एक-एक वोट ही हर प्रत्याशी को डाला जाये। यदि मतदान के दौरान वीवीपैट खराब है तो केवल इसे ही बदलें। बैटरी कमजोर (लो) होने पर केवल बैटरी ही बदलें।

बूथ में इनके प्रवेश की अनुमति
उन्होंने बताया कि बूथ में मतदाता के अलावा पीठासीन अधिकारी, प्रत्याशी का एजेंट, अधिकृत मीडिया कर्मचारी, चुनावी डयूटी पर लगाये गये सरकारी कर्मचारी, पर्यवेक्षक, माइक्रो-पर्यवेक्षक, वीडियोग्राफर, फोटोग्राफर, वेब कास्टिंग का स्टाफ, बच्चे को गोद में लिये महिला मतदाता, नेत्रहीन मतदाता के साथ उसका सहयोगी आ सकता है। फोटोग्राफर बूथ के गेट से ही पंक्ति में लगे मतदाताओं की फोटो खींच सकता है।

पहचान का विवाद होने पर
उन्होंने कि यदि किसी मतदाता की पहचान को लेकर कोई विवाद उत्पन्न होता है तो पहचान के लिये पीओ एजेंट अथवा पंक्ति में खड़े मतदाताओं से तसल्ली कर सकता है। जरूरत पड़ने पर नंबरदार अथवा चौकीदार से भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि पहचान को लेकर कोई मुद्दा उभरता है तो पीओ एक पेज पर उसका विवरण लिखे और उसे फार्म 17 ए के साथ जोड़ दें।

पहचान न होने पर उस व्यक्ति को पुलिस के हवाले कर दें। पहचान हो जाती है तो उसका मोबाइल से फोटो लें, अनुलग्नक 14 में उस व्यक्ति से सहमति लें और फार्म 17 ए में हस्ताक्षर अथवा अंगूठा लगवायें। उन्होंने कहा कि जिस भी व्यक्ति का मतदाता सूची में नाम दर्ज हो उसे वोट डालने से नहीं रोका जा सकता।

चौधरी ने कहा कि यदि कोई मतदाता वोटर स्लिप लेकर अंगुली पर स्याही भी लगवा लेता है और फिर वोट डालने से मना करता है तो ऐसे हालात में उसे वोट डालने के लिये मजबूर न करें। ऐसे मतदाता का फार्म 17 ए में उल्लेख करते हुए उसके हस्ताक्षर अथवा अंगूला लगवायें। हस्ताक्षर से मना करने पर पीओ खुद उसके बारे में टिप्पणी कॉलम में इंद्राज कर नीचे खुद के दस्तखत करे। ऐसा करने वाला यदि अंतिम मतदाता है तो सीयू को बंद कर दें। वीवीपैट से प्लग निकालकर दोबारा ऑन करें और फिर ‘क्लोज’ करें।

एसोसिएट प्रोफेसर भूपेंद्र ने इस मौके पर टेंडर वोट, चैलेंज्ड वोट, विभिन्न प्रकार के फार्मों और लिफाफों के बारे मे जानकारी दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.