करनाल/कीर्ति कथूरिया : हरियाणा सरकार द्वारा खंड स्तर पर जल समिति की ट्रैनिंग दी जा रही। जिसके तहत हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान द्वारा मंगलवार को निसिंग ब्लाॅक के किसान भवन में जल समिति की ट्रैनिंग का आयोजन किया गया।
जिसमें कार्यकारी अभियन्ता हरिदेव काम्बोज ने किसानों को जल समिति के कर्तव्यों व मिकाडा विभाग की स्कीमों के बारे में अवगत करवाया।
उन्होंने किसानों को जानकारी देते हुए बताया कि सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली सामान्य रूप से फसलों में उर्वरक व पानी देने की सर्वोत्तम एवं आधुनिक विधि मानी जाती है। सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली में कम पानी से अधिक क्षेत्र की सिंचाई की जाती है।
इस प्रणाली में पानी को पाइपलाइन के माध्यम से स्रोत से खेत तक पूर्व-निर्धारित मात्रा में पहुँचाया जाता है। इससे पानी की बर्बादी को तो रोका ही जाता है, साथ ही यह जल उपयोग दक्षता बढ़ाने में भी सहायक है।
इस मौके पर हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान के ट्रैनर संजीव कुमार व संजय कुमार ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अपनाकर 30-40 फीसदी पानी की बचत होती है।
इस प्रणाली से सिंचाई करने पर फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता में भी सुधार होता है। हमारे देश में अधिकांशतः खेतों में सिंचाई के लिये कच्ची नालियों द्वारा पानी लाया जाता है, जिससे तकरीबन 30-40 फीसदी पानी रिसाव की वजह से बेकार चला जाता है। ऐसे में सूक्ष्म सिंचाई पद्धति का इस्तेमाल करने में फायदा-ही-फायदा है।
इस अवसर पर राजीव कुमार उपमण्डल अधिकारी, गौरव कुमार जेई., आनन्द रोहिला जिलेदार, अशोक राणा पटवारी, व गांव गौंदर, औंगद, निसिंग, डाचर, मन्जूरा, सींगडा, बस्तली, साम्भली व ब्रास के अन्य किसान मौजूद रहे।