करनाल/कीर्ति कथूरिया : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेक्टर सात की ओर से प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का अव्यक्त स्मृति दिवस श्रद्धाभाव से मनाया गया। इस मौके पर माउंट आबू संस्था के मुख्यालय से राजयोगी भ्राता रमेश जी पधारे।
उन्होंने स्मृति दिवस के मौके पर बाबा की विशेषताओं का बहुत सुंदर गीत सुनाकर सबको भाव विभोर कर दिया। उन्होंने कहा कि ब्रह्मा बाबा की हर कर्म इंद्रीय सिद्धि स्वरूप बन चुकी थी। वह प्रकृतिजीत बन चुके थे। उनके बोल बड़े वरदानी थे। उनके श्रेष्ठ कार्यों से सबको प्रेरणा मिलती थी।
ब्रह्मा बाबा कहा करते थे जैसा कार्य मैं करूंगा मुझे देखकर दूसरे करेंगे। इस अवसर पर राजयोगिनी प्रेम दीदी ने कहा कि ब्रह्मा बाबा के कार्यों में अलोकिकता थी। बाबा हर कार्य में बहुत ही पंक्चुअल रहते थे। रात को दो बजे उठकर तपस्या करते थे। दुखी, अशांत आत्माओं को शांति के वायब्रेशन देते थे।
अनाज चुनना, सब्जी काटना, बगीचा ठीक करना यह सब कार्य भी बाबा अपने हाथ से करते थे। बाबा बहुत ही विनम्र और निरअहंकारी थे। बाबा में पवित्रता, मधुरता, सहनशीलता, धैर्यता, संतुष्टता, निर्भयता, उदारता, हर्षितमुखता आदि गुण समाए हुए थे।
बाबा चलते फिरते फरिश्ता नजर आते थे। ब्रह्मा बाबा निराकार शिव परमात्मा के साकार माध्यम थे। बाबा त्याग, तपस्या, सेवा की प्रतिमूर्ती थे। उनमें रमणीकता व गंभीरता के गुण का बैलेंस था। बी.के. प्रेम दीदी ने कहा कि शास्त्रों में दो ब्रह्मा का गायन है। एक प्रजापिता ब्रह्मा जो साकार में हैं।
दूसरे अव्यक्त ब्रह्मा जो संपूर्ण फरिश्ता सूक्ष्म वतन में होते हैं। ब्रह्मा के चार मुख दिखाते हैं इसका अर्थ है कि निराकार परमात्मा जब धरती पर आते हैं तो ब्रह्मा के मुख द्वारा पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण चारों दिशाओं में अपना पैगाम पहुंचाते हैं। ब्रह्मा के हाथ में जो शास्त्र दिखते हैं उसका अर्थ है परमात्मा शिव ब्रह्मा के मुख से सभी वेदों शास्त्रों का सार सुनाते थे।
ब्रह्मा बाबा का जन्म 1876 में 15 दिसंबर को सिंध हैदराबाद पाकिस्तान में हुआ था। 60 वर्ष की वानप्रस्थ अवस्था में परमात्मा ने उनके साकार शरीर का आधार लिया। 1950 में यह संस्था माउंट आबू में स्थानांतरित हुई। वर्तमान में इस संस्था की शाखाएं पूरे विश्व में 140 देशों में फैली हुई हैं।
इस मौके पर मोमबत्ती जलाकर व मौन में रहकर सभी ने ब्रह्मा बाबा को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर ब्रह्मा भोजन का भी आयोजन किया गया।
इस अवसर पर हर्षवर्धन भटनागर, एचके मलिक, हरिकृष्ण नारंग, मधु भटनागर, आरके राणा, रीतू चौहान, छवि चौधरी, सिमरण चौधरी, सुनीता मदान, केबल मल्होत्रा, महिंद्र संधु, कृष्ण खन्ना, हरि कांबोज, ओमप्रकाश, जसमेर सिंह, शाम भाटिया, ओपी गर्ग, ऋषिराज, देवी बंसल व राम कटारिया सहित सैंकड़ों लोगों ब्रह्मा बाबा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर ब्रह्माकुमारी संगीता व बी.के. शिखा ने भी ब्रह्मा बाबा के चरित्रों पर प्रकाश डाला।