December 23, 2024
car free day

करनाल/कीर्ति कथूरिया : मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा करनाल में प्रत्येक मंगलवार को अधिकारियों के लिए कार फ्री-डे घोषित करने के बाद डीसी अनीश यादव ने इसकी सबसे पहले अगुवाई की। उन्होंने मिसाल पेश करते हुए अपनी गाड़ी छोड़ी और करीब 3 किलोमीटर पैदल चलकर लघु सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों के साथ-साथ आम लोगों को भी स्वेच्छा से कार फ्री-डे में भागीदारी करने का आह्वान किया।

डीसी अनीश यादव ने कहा कि कार फ्री-डे के दिन अधिकारी कारों को छोड़कर साईकिल व पैदल दफ्तर पहुंचे हैं। इससे न केवल स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभ मिलेगा बल्कि यह पर्यावरण की दृष्टि से भी लाभदायक है। उन्होंने कहा कि हम सभी को ऐसा करना चाहिए। उन्होंने करनाल की जनता से आह्वान किया कि सप्ताह में कम से कम एक दिन स्वेच्छा से इस मुहिम में भागीदार बनें। इससे कहीं न कहीं ट्रैफिक जाम की स्थिति से भी निजात मिलेगी।

मार्किट एसोसिएशन और बाजार एसोसिएशन को आना चाहिए आगे
डीसी अनीश यादव ने कहा कि कार फ्री-डे फिलहाल अधिकारियों के लिए है। आम लोगों के लिए इसे लागू नहीं किया गया है। ऐसा करने से पहले हितधारकों से पूछा जाएगा। उन्होंने कहा कि लेकिन स्वेच्छा से कोई भी इसमें हिस्सा ले सकता है। डीसी अनीश यादव ने कहा कि कार फ्री-डे के लिए मार्किट एसोसिएशन व बाजार एसोसिएशन को आगे आना चाहिए। इससे समाज में अच्छा संदेश जाएगा। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभदायक है।

एसपी शशांक कुमार सावन भी पैदल पहुंचे दफ्तर
करनाल के एसपी शशांक कुमार सावन भी मंगलवार को अपने निवास स्थान से दफ्तर तक पैदल पहुंचे। उन्होंने कहा कि हम सभी को इस अभियान का हिस्सा बनना चाहिए। यह हमारे और पर्यावरण के लिए बेहद लाभदायक है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के सभी अधिकारी इस कार फ्री-डे अभियान से जुड़े हुए हैं। उन्होंने इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका हिस्सा बनने का आह्वान किया।

एसडीएम अनुभव मेहता पहुंचे साईकिल पर
कार फ्री-डे पर एसडीएम अनुभव मेहता साईकिल पर सवार होकर पहुंचे। उन्होंने कहा कि 1 सितंबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साईकिल यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। उसी दिन उन्होंने कार फ्री-डे की घोषणा की थी। इसी के चलते करनाल में मंगलवार को कार फ्री-डे अभियान चलाया गया है। उन्होंने आमजन को भी इस अभियान का हिस्सा बनने के लिए आह्वान किया। इस दौरान अन्य अधिकारी भी साईकिल व पैदल चलकर दफ्तर तक पहुंचे।

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