सभै सांझीवाल सदायिन” श्री गुरु ग्रंथ साहेब में समाहित मानवीय एकता के इस महान गुरु सिद्धांत पर आधारित गुरमत समागमों की श्रृंखला करनाल में 21 अगस्त से शुरू होगी। आज डेरा कार सेवा में बाबा सुखा सिंह की अध्यक्षता में आयोजित प्रेस वार्ता में लगभग एक माह तक चलने वाले इन आयोजनों की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रेस वार्ता में बाबा सुखा सिंह ने समूह साधसंगत को इन सभी समागमों में बढ़ चड़ कर शामिल होने का न्यौता दिया है।
बाबा गुरमीत सिंह गुरुद्वारा राज करेगा खालसा, संत त्रिलोचन सिंह गुरुद्वारा नानकसर सिंघड़ा सहित करनाल ज़िला के संत महापुरुष इस आयोजन में विशेष सहयोग कर रहे हैं। इंटरनेशनल सिख फोरम व शिरोमणि गतका फेडरेशन ऑफ़ इंडिया की और से करनाल ज़िला की गुरुद्वारा कमेटियों व सिख संस्थाओं के सहयोग से आयोजित किए जा रहे समागमों में शामिल होने के लिए सिख संगत के साथ साथ पूरे समाज को न्यौता दिया जाएगा। इंटरनेशनल सिख फोरम के महासचिव प्रीतपाल सिंह पन्नु ने बताया कि श्री गुरु ग्रंथ साहेब पूरी मानवता के गुरु हैं व इनमे 6 गुरुओं, 15 संत महापुरुषों, भगतों, 11 भट्ट साहेबान व 3 गुरसिखों की पवित्र बानी शामिल है।
गुरु साहेब ने जाती व धर्म के भेदभाव से ऊपर उठकर हर उस महापुरुष की बानी को गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल किया जिनके शब्द गुरु सिद्धांत पर खरे उतरे और जिनमे व्यक्तिगत महिमामंडन न कर पूरी मानवता की बात की गई। जहाँ श्री गुरु ग्रंथ साहेब का संपादन करते हुए 6 सिख गुरुओं, गुरु नानक देव जी, गुरु अंगद देव जी, गुरु अमर दास जी, गुरु रामदास जी, गुरु अर्जुन देव जी व गुरु तेग़ बहादुर जी के पवित्र शब्दों को शामिल किया गया वहीं विभिन्न धर्म व जातियों को भी बिना किसी भेदभाव के स्थान दिया। देश के विभिन्न क्षेत्रों से 15 संत महापुरुष जिन्होंने एक ईश्वर की बात की और पाखंड कर्मों और समाज में व्याप्त बुराइयों का विरोध किया और जिनकी बानी गुरु ग्रंथ साहेब में शामिल है को समर्पित समागम भी आयोजन का हिस्सा रहेंगे।
सभी भगत जनों के विचारों को समाज में प्रचारित प्रसारित करने वाली संस्थाओं को विशेष न्यौता दिया जाएगा व सम्मानित भी किया जाएगा। गतका फेडरेशन के प्रधान गुरतेज सिंह खालसा ने बताया कि “सभै सांझीवाल सदायिन” नाम से आयोजित होने जा रहे इस समागम की शुरुआत 21 अगस्त को संत भगत कबीर जी को समर्पित गुरमत समागम से होगी। यह आयोजन गुरुद्वारा शीश गंज साहेब तरावड़ी में होगा। 22 अगस्त का आयोजन गुरुद्वारा डेहरा साहिब असंध में होगा जो संत भगत धन्ना जी की याद में होगा। 26 अगस्त को संत भगत रविदास जी की याद में धार्मिक आयोजन गुरुद्वारा छौना साहेब जलमाना में होगा।
27 अगस्त को सूफ़ी संत बाबा फ़रीद, भगत भीखन व भगत सधना की याद गुरुद्वारा सिंह सभा मॉडल टॉउन करनाल में होगा। 30 अगस्त का समागम गुरुद्वारा रोड़ी साहेब निसिंग में रहेगा जो भगत पीपा को समर्पित किया गया है। 2 सितम्बर को गुरुद्वारा नानकसर सिंघड़ा में भगत नामदेव व भगत सैन की पवित्र वाणी और जीवन इतिहास पर रोशनी डाली जाएगी जबकि 3 सितम्बर को गुरुद्वारा सुखमनी साहेब सेक्टर 7 में भगत त्रिलोचन, भगत रामानंद, भगत परमानंद, भगत बेनी, भगत सूरदास व भगत जैदेव के दिन मनाये जाएँगे। इसी कड़ी में 10 सितम्बर का आयोजन 11 भट्ट साहेबान व तीन गुरसिखों को याद करते हुए गुरुद्वारा सिंह सभा प्रेम नगर में आयोजित किया जाएगा।
मानवीय, धार्मिक व जातीय एकता को बढ़ावा देते इन सभी आयोजनों का समापन 17 सितम्बर को श्री गुरु ग्रन्थ साहेब के पहले प्रकाश को समर्पित विशाल गुरमत समागम से होगा जिसका आयोजन डेरा कार सेवा, क़लंदरी गेट में किया जाएगा। प्रेस वार्ता में उपस्थित गुरुद्वारा सिंह सभा मॉडल टाउन के महासचिव हरप्रीत सिंह ने कहा कि हर सिख पूरी दुनिया में जब भी श्री गुरु ग्रंथ साहेब को माथा टेकता है तो वो केवल गुरु साहेब की बानी को माथा नहीं निवाता बल्कि हर धर्म व जाती के महापुरुषों की बानी को भी गुरु की बानी के तुल्य समझ कर उनके आगे भी सिर झुकाता है।
“मानस की जात सभै एके पहचानबो” की शिक्षा देने वाले मानवता के गुरु श्री गुरु ग्रंथ साहेब जी में शामिल सभी गुरुओं, संतों , भगतों, भट्टों व गुरसिखों को समर्पित इन सभी समागमों में क़ौम के महान रागी, ढाडी व प्रचारक शामिल होंगे व हर समागम में गुरु का लंगर अटूट बरतेगा। प्रेस वार्ता में परमजीत सिंह बेदी, जातिंदर सिंह, गुरसेवक सिंह सहित अन्य प्रबुध लोग शामिल हुए।”