करनाल/कीर्ति कथूरिया : आशाा वर्कर यूनियन ब्लाक करनाल व मधुबन की जनरल बॉडी की मीटिंग नीरू की अध्यक्षता में फव्वारा पार्क में हुई। संचालन जिला प्रधान कविता ने किया। इस मौके पर सीटू जिला प्रधान सतपाल सैनी, सचिव जगपाल राणा, कैशियर ओपी माटा, कविता व सुदेश रानी ने कहा कि हरियाणा सरकार आशा वर्करों पर लगातार काम का बोझ बढ़ा रही है और पहले से मिल रही सुविधाओं में लगातार कटोतिया की जा रही हैं।
सरकार आंदोलन को कमजोर करने के लिए बातचीत का रास्ता अपनाती है, मांगों पर सहमति जताती है, लेकिन लागू करने में आनाकानी कर रही है। प्रदेश की तमाम आशा वर्करों में भारी रोष है और रोष स्वरूप ही 8 से 10अगस्त तक तीन दिन हड़ताल पर रहेंगी।
मांगों पर चर्चा करते हुए कहा गया कि 2018 के बाद से आशा वर्कर के काम में कई गुना बढ़ोतरी हो चुकी है, परंतु पिछले पांच साल में मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। न्यूनतम वेतन 24 हजार रुपए दिया जाना चाहिए। ईएसआई /पीएफ और रिटायरमेंट बेनिफिट समेत सभी सामाजिक सुरक्षा दिए जाएं। अनुभव और योग्यता के आधार पर आशा वर्करों की पदोन्नति की जाए।
मुख्यमंत्री द्वारा घोषित सात हजार रुपए की राशि तुरंत जारी किए जाए। रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष की जाए, आशा फैसिलिटेटर की विजिट की प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी की जाए और फैसलिटेटर की रिपोर्टिंग के लिए प्रोत्साहन राशि फिक्स की जाए।
कविता व सुदेश व जगपाल राणा व सतपाल सैनी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकारें बेटियों से फ्री में काम लेना चाहती हैं। मणिपुर सरकार को बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा गया कि मणिपुर में बेटियां सुरक्षित नहीं है। इस अवसर पर सतपाल सैनी, ओपी माटा, कविता, नीरू, जगपाल राणा, सुदेश, किरण, सुनीता, सुषमा, रेणु देवी, पूजा, सपना, रत्नेश, सुमन, सविता देवी व निर्मला ने संबोधित किया।