करनाल/कीर्ति कथूरिया : 1999 में भारत की ऐतिहासिक जीत की 24वीं वर्षगांठ पर आज करनाल इंटरनेशनल स्कूल ने “कारगिल विजय दिवस” मनाया। इस दिन को चिह्नित करने के लिए कर्नल अरुण दत्ता (सलाहकार करनाल इंटरनेशनल स्कूल) ने युद्ध के दौरान सशस्त्र बलों के जवानों के साहस और बलिदान को याद किया।
उन्होंने बताया कि यह हमारे देश के लिए बेहद महत्व और गौरव का दिन है। यह हमारे बहादुर सैनिकों की वीरता, बलिदान और अटूट भावना का सम्मान करने का दिन है, जिन्होंने हमारे प्यारे देश की रक्षा और अखंडता सुनिश्चित करते हुए कारगिल युद्ध में निस्वार्थ और वीरतापूर्वक लड़ाई लड़ी।
कारगिल युद्ध केवल क्षेत्रीय नियंत्रण की लड़ाई नहीं थी; यह स्वतंत्रता, संप्रभुता के सिद्धांतों और हमारे नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक लड़ाई थी, सैनिकों की लगभग 2 महीने की लड़ाई यात्रा जो भारत की जीत और जश्न के साथ समाप्त हुई।
कर्नल अरुण दत्ता ने उस कठिन प्रशिक्षण के बारे में अपना अनुभव भी साझा किया, जो उन्हें अपने सैन्य दिनों के दौरान मिला था।
कर्नल अरुण दत्ता द्वारा साझा किए गए अनुभव से छात्र प्रेरित और प्रोत्साहित हुए। उन सभी ने राष्ट्र निर्माण की राह में अनुशासन बनाए रखने और जिम्मेदार और दयालु नागरिक बनने की प्रतिज्ञा की, जो समाज में सकारात्मक योगदान देंगे और उन मूल्यों को बनाए रखेंगे जिनके लिए हमारे सशस्त्र बलों ने लड़ाई लड़ी है।
आइए हम सब मिलकर अपने राष्ट्र के लिए एक उज्जवल और बेहतर भविष्य बनाएं।