करनाल: करनाल बार एसोसिएशन के पूर्व उपप्रधान एडवोकेट हरीश आर्य ने कहा कि अदालतों में अभियोजन पक्ष की पैरवी की जिम्मेवारी सरकारी वकीलों की होती है, लेकिन अदालतों में सरकारी वकीलों की कमी से अभियोजन पक्ष के केसों की जितनी शिद्दत से पैरवी होनी चाहिए वो नहीं हो पा रही है।
उन्होंने कहा कि अदालतों में सरकारी वकीलों की कमी से मुवकिल्लों चाहे वह अभियोजन पक्ष के हों या मुलजिम पक्ष के हों दोनों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। साथ में वकीलों को भी परेशानी हो रही है। इस वजह से अदालतों का काम जिस तेजी से होना चाहिए वह भी नहीं हो पा रहा है। एक सरकारी वकील पर दो अदालतों का काम है। मुलजिम पक्ष के वकीलों के समय की भी बर्बादी हो रही है। मुलजिम पक्ष के वकीलों को दिनभर सरकारी वकीलों की प्रतीक्षा करनी पड़ती है।
अभी हाल ही में 10 नए न्यायाधीशों की भी नियुक्ति हुई है, जिनकी ट्रेनिंग चल रही है। ट्रेनिंग के बाद वह अदालतें भी काम करना शुरू कर देंगी। हरीश आर्य ने सरकार से अनुरोध किया है कि सरकारी वकीलों की संख्या बढ़ाई जाए।