March 29, 2024

Live – देखें – Big News – मूक – बधिर लोगों ने जिला सचिवालय में आकर किया प्रदर्शन , हमारी भी सुनो , हम बोल नही सकते सुन नही सकते – Please Share Video

ये लोग अपनी मांगों को लेकर करनाल के उपायुक्त से मिले। मूक -बधिर लोग रोजगार से लेकर सरकारी दफ्तरों में अपने काम को लेकर बार बार आने के चलते काफी परेशान हैं।

मूक – बधिर लोग जो बोल नहीं पाते, सुन नहीं पाते पर शांत तरीके से अपने इशारों के ज़रिए बड़े बड़े दफ्तरों में बैठे अफसरों और मंत्रियों तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं। ये वो लोग जब ये सरकारी दफ्तर में अपने काम के लिए जाते हैं तो इन्हें बाहर निकाल दिया जाता है, क्योंकि इनकी बात को कोई समझ नहीं पाता, इनका कहना है कि 2500 रुपए की पेंशन पर अपना ये गुजारा कैसे करें , इन्हें रोजगार चाहिए, काम चाहिए ताकि ये अपना और अपने परिवार का गुजारा कर सकें।

एक बच्ची जो एक दिव्यांग व्यक्ति की ही बेटी थी जो वहां इशारों के ज़रिए बात समझाने का प्रयास कर रहा था वो बेटी सबकी आवाज़ बनकर अधिकारियों और मीडिया से बात कर रही थी। बच्ची ने बताया कि किस तरीके से घर से लेकर सरकारी दफ्तर तक परेशानी होती है, किस तरीके से रोजगार के लिए भटकते हैं , किस तरीके कोई इनकी बात नहीं सुनता।

करनाल के उपायुक्त निशान्त यादव ने इनसे मुलाकात की , उस बच्ची ने प्रशासन के अधिकारियों को उनकी समस्या से रूबरू करवाया , वहीं उपायुक्त ने बताया कि इन लोगों के लिए जिला सचिवालय में एक दिव्यांग केंद्र बनाया हुआ है जहां अपर्क इनकी भाषा को समझने के लिए एक कर्मचारी बैठता है और उनके काम को सम्बंधित विभाग तक पहुंचाने का प्रयास करता है।

वहीं नौकरी और बेरोजगारी को लेकर उपायुक्त ने कहा कि इनके नाम अब हमारे पास आ गए हैं, कोशिश करेंगे इनसे सम्बंधित काम इन्हें दिलवाया जाए।

एक तो बोल ना पाना, ऊपर से सुन ना पाना तीसरा बेरोजगारी ऐसे में परेशानी ऐसे लोगों के लिए और बढ़ जाती है ऊपर से हर बार आश्वासन देकर छोड़ दिया जाता है कि हां भाई तुम्हारा काम हो जाएगा , लेकिन असली हकीकत वही ढाक के तीन पात।

उम्मीद करते हैं कि इस बार उस छोटी सी बच्ची की आवाज़ प्रशासन के कानों में गूंजेगी और मूक बधिर लोगों की समस्या का समाधान हो पाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.