Live – देखें – किसानों के समर्थन में जींद में हुई 40 खापों की महापंचायत , लिए अहम् फैसले , हरियाणा सरकार को गिराने के लिए शुरू की जायेगी मुहीम , दिल्ली के लिए भी खाप पंचायत प्रतिनिधि हुए रवाना ,देखें Live – Share Video
बीजेपी की सरकार के पास हरियाणा में नहीं पूर्ण बहुमत , जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से चल रही है सरकार ! खाप नेताओ ने किया एलान कहा जिन विधायकों ने सरकार को समर्थन दिया हुआ है उन पर समर्थन वापिस लेने के बनाया जाएगा दबाव , हर एक से खापे करेगी मुलाक़ात कहा पहले शान्ति से विधायकों से करेंगे अपील और अगर नहीं माने तो उनकी गाँवों में एंट्री की जायेगी बैन , कहा पंजाब के किसानो ने शुरू किया है आंदोलन , इसलिए खापे हर तरह से उनकी मदद के लिए आएँगी आगे , कहा पंजाब के किसान ही करेंगे अगुवाई ,कहा खापों के प्रतिनिधि दिल्ली बॉर्डर पर पहुँच चुके है किसानो की हर तरह से आंदोलन में खापे करेंगी मदद
खापों ने कहा की केंद्र सरकार तानाशाही की और बढ़ रही है ! खापों ने किया एलान अगर जरुरत पड़ी तो पुरे हरियाणा से एक खाप महापंचायत का भी हो सकता है आयोजन
जींद अर्बन एस्टेट स्थित जाट धर्मशाला में मंगलवार को खापों की महापंचायत हुई। जिसमें किसान आंदोलन में प्रदेशभर से भागीदारी बढ़ाने और आंदोलनकारी किसानों के लिए राशन व आर्थिक मदद के लिए रणनीति बनाई गई। साथ ही विभिन्न जिलों से आए खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि गांवों से दूध व राशन दिल्ली भेजा जा रहा है और किसान भी आंदोलन में शामिल होने दिल्ली जा रहे हैं। खाप नेताओं ने कहा कि आंदोलन की पहल पंजाब ने की है। जबकि हरियाणा दिल्ली के नजदीक था, इसलिए पहल हरियाणा को करनी चाहिए थी।
आंदोलनकारियों की हर तरह की मदद की जाएगी। अगर सरकार ने आंदोलनकारियों के साथ कुछ गलत किया, तो वे पीछे नहीं हटेंगे। इसके लिए गांवों में माहौल तैयार किया जाएगा। सुबे सिंह समैण ने कहा कि किसान विरोधी कृषि कानूनों के विरोध में शांतिपूर्वक दिल्ली जा रहे किसानों को पंजाब सरकार ने नहीं रोका। हरियाणा में मनोहर सरकार ने उन पर अत्याचार किया। इसलिए सरकार को चलता करने के लिए किसान वर्ग से जुड़े विधायकों पर प्रदेश सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए दबाव बनाया जाएगा। संबंधित हलके के लोग विधायकों से मिलेंगे और समर्थन वापस लेने की मांग करेंगे। इसके लिए कमेटियां गठित की जाएंगी। अगर वे नहीं मानेंगे, तो उनका साथ नहीं दिया जाएगा और भविष्य में उनकी गांवों में इंट्री बैन की जाएगी।
सीएम के बयान की निंदा
महापंचायत में सीएम के बयान की निंदा की गई। जिसमें उन्होंने कहा था कि आंदोलन में हरियाणा का किसान शामिल नहीं है। खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि नए कृषि कानूनों का हरियाणा के किसान शुरू से ही विरोध कर रहे हैं। हरियाणा व पंजाब कृषि प्रधान राज्य हैं। इसलिए यहां विरोध ज्यादा है। अगर सरकार ने बिल में संशोधन नहीं किया या इस बिल को वापस नहीं लिया, तो बाकी राज्यों के किसान भी इसके लामबद्ध होंगे।
महापंचायत में कई गांवों के सरपंच भी मौजूद रहे। सरपंच एसोसिएशन जींद ब्लॉक प्रधान संदीप रूपगढ़ ने कहा कि ये कृषि कानून किसानों के हित में नहीं हैं। अगर सरकार ने जल्द ही इन्हें वापस नहीं लिया, तो वे सरपंची सरकार को संभलवा कर आंदोलन में शामिल होंगे। गांवों से 36 बिरादरी से जुड़े किसान व अन्य वर्ग इस आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं। दालमवाला से समाजसेवी सोनू दालमवाला ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की आवाज को ना दबाए।
हरियाणा के जींद में खापों ने शुरू किया दिल्ली कूच। दी धमकी अगर कल 3 दिसंबर को सरकार से बात नहीं बनी तो गांव से दिल्ली को जाने वाले दूध,फल और सब्जियों की सप्लाई कर देंगे बंद
जींद की सर्वजातीय दाड़न खाप के सैकड़ों प्रतिनिधियों और किसानो ने किया दिल्ली कूच ,कूच से पहले खाप नेताओ ने डोर टू डोर जाकर लोगो को दिल्ली जाने की की अपील
किसान नेताओ का कहना अगर कल 3 दिसंबर को सरकार से बात नहीं बनी तो गांव से दिल्ली को जाने वाले दूध,फल और सब्जियों की सप्लाई कर देंगे बंद
अगर सरकार फिर भी नहीं मानती है तो किसानो का अगला कदम न तो देश के लिए अच्छा होगा, न सरकार के लिए अच्छा होगा ,किसान इतना आक्रमक हो जायगा की सरकार के लिए संभालना मुश्किल हो जायगा
हरियाणा के जींद में खापों ने दिल्ली के लिए कूच शुरू कर दिया है इसी कड़ी में जींद की सर्वजातीय दाड़न खाप के सैकड़ों प्रतिनिधियों और किसानो ने आज दिल्ली कूच कर दिया है। कूच से पहले खाप नेताओ ने डोर टू डोर जाकर लोगो को दिल्ली जाने की अपील भी की। इन खाप नेताओं ने धमकी दी है की अगर कल 3 दिसंबर को सरकार से बात नहीं बनी तो गांव से दिल्ली को जाने वाले दूध,फल और सब्जियों की सप्लाई कर देंगे बंद
किसान नेताओ का कहना है की अगर कल 3 दिसंबर को सरकार से बात नहीं बनी तो गांव से दिल्ली को जाने वाले दूध,फल और सब्जियों की सप्लाई बंद कर देंगे। अगर सरकार फिर भी नहीं मानती है तो किसानो का अगला कदम न तो देश के लिए अच्छा होगा, न सरकार के लिए अच्छा होगा। किसान इतना आक्रमक हो जायगा की सरकार के लिए संभालना मुश्किल हो जायगा।