November 22, 2024

Live – देखें – गौ रक्षा दल, भारतीय किसान यूनियन व आढतियों ने आज इन्द्री अनाज मंड़ी में प्रदेश के मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री का पुतला फूंक कर पिपली में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में रोष प्रकट किया – देखें – Live – Watch, Comment & Share

गौ रक्षा दल, भारतीय किसान यूनियन व आढतियों ने किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोधस्वरूप मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री का पुतला फूंका कहा सरकार ने किसानों के कफन में कील ठोंकने का काम किया है

गौ रक्षा दल, भारतीय किसान यूनियन व आढतियों ने आज इन्द्री अनाज मंड़ी में प्रदेश के मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री का पुतला फूंक कर पिपली में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में रोष प्रकट किया। युवा नेताओ ने कहा की किसान किसानों पर हुए दर्ज मुकद्दमों को वापिस लिया जाये नहीं तो बड़ा आंदोलन होगा ।

इन्द्री गौ रक्षा दल के प्रधान सचिन शांडि़ल्य व भारतीय किसान यूनियन के मनजीत चौंगावा ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर 10 सिंतबर को पिपली में हुई किसान रैली में शामिल होने जा रहे बेकसूर किसानों पर पुलिस द्वारा किए गये लाठीचार्ज की हम निंदा करते है। इस के विरोध स्वरूप आज इन्द्री की अनाज मंड़ी में मंड़ी आढ़तियों व मजदूरों के साथ मिलकर प्रदेश के मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री का पुतला फूंका गया है।

उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार ने इन किसानों को भगा भगा कर लाठियों से पीटा ओर दूसरी ओर इन्ही किसानों पर ही मुकद्में भी दर्ज कर दिये। इस को लेकर युवाओं में गहरा रोष है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एक तरफ तो अपने आप को किसानों का मसीहा कहते है वहीं उन्हीं की सरकार के लोग किसानों को पीट रहे है। ऐसा करके सरकार ने किसानों के कफन में कील ठोंकने का काम किया है। उन्होंने कहा कि क्या लोकतंत्र में अपने हकों के लिये आवाज उठाना भी जायज नहीं है।

प्रदेश की सरकार कोरोना महामारी के दौरान किसानों से पांच किलों अनाज लेने की मांग तो करती है लेकिन उन्हीं किसानों द्वारा अपनी आवाज उठाने पर ड़ंडे भी मारने से पीछे नहीं हटती है। उन्होंने कहा कि दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ प्रचार कर वोट हासिल किए ओर अब उसी बीजेपी की गोद में जाकर बैठ गये है। यदि उनकी इस सरकार में नहीं चलती है तो वो अपनी कुर्सी छोड़ क्यों नहीं देते। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो तीन अध्यादेश लागू किये है वो किसानों के हक में नहीं है।

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