- डेयरी शिफ्टिंग प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने के लिए नगर निगम की ओर से दूसरी बार शहर में अवैध रूप से चल रही डेयरियों को सील करने की की गई कार्रवाई,
- 3 डेयरियों को किया गया सील व 5 डेयरियों से पशुओं को लिया गया कब्जे में,
- उपायुक्त एवं निगमायुक्त निशांत कुमार यादव की चेतावनी,
- डेयरी शिफ्टिंग मामले में नियम व शर्तें ना मानने वाले के खिलाफ भविष्य में भी कार्रवाई रहेगी जारी।
करनाल 21 जुलाई: डेयरी शिफ्टिंग मामले में रूचि ना दिखाने वाले डेयरी संचालकों के खिलाफ मंगलवार को व दूसरी बार नगर निगम ने शहर के विभिन्न एरिया में डेयरियों को सील करने की कार्रवाई की। स्मरण रहे कि इससे पहले बीती 7 जुलाई को भी नगर निगम की ओर से 12 डेयरियों को सील कर उनमें रखे गए 15 पशुओं को कब्जे में लिया गया था।
उपायुक्त एवं नगर निगम के आयुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 333 के तहत, नगर निगम की ओर से सैक्टर-12 क्षेत्र, रमेश नगर, हांसी रोड, इब्राहिम मंडी और जाटों गेट में अवैध रूप से चलाई जा रही पशु डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इस दौरान 3 डेयरियों को सील किया गया और 5 डेयरियों में मौजूद 11 पशुओं को कब्जे में लिया गया, इनमें 4 गाय, 6 भैंस व 1 कटड़ा/बछड़ा शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि कब्जे में लिए गए सभी पशुओं को प्रेम नगर स्थित सामुदायिक केन्द्र में बनाए गए अस्थाई बाडे में रखा गया है। बाडे में चारे व पानी की समूचित व्यवस्था, होमगार्ड तथा पशुपालन विभाग के डॉक्टरों की भी ड्यूटी लगाई गई है। कब्जे में लिए गए सभी पशुओं को टैग भी लगाए गए हैं, ताकि उनकी पहचान बनी रहे। उन्होंने बताया कि जो डेयरी मालिक अपने पशु छुड़वाना या वापिस लेना चाहता है, उसे 5000 रूपये प्रति पशु जुर्माना भरना पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि नगर निगम टीम की ओर से डेयरियों के खिलाफ सीलिंग करने जैसी कार्रवाई प्रात: साढे 11 बजे शुरू हुई, जो सांय 5 बजे तक जारी रही। टीम के सामने किसी का विरोध नहीं चला। निगम के संयुक्त आयुक्त गगनदीप सिंह के नेतृत्व में निगम के कार्यकारी अधिकारी दीपक सूरा, सचिव बाल सिंह, मुख्य सफाई निरीक्षण महावीर सोढी व सुरेन्द्र चोपड़ा के अतिरिक्त सफाई निरीक्षक, सहायक सफाई निरीक्षक, जेई, दो भवन निरीक्षक व कुछ कर्मचारी शामिल रहे।
संयुक्त निगमायुक्त ने बताया कि सारी कार्रवाई नगर निगम आयुक्त के आदेश पर की गई है। इस बारे डेयरी शिफ्टिंग के लिए बनाए गए नियम व शर्तें ना मानने वाले डेयरी संचालकों को पहले ही कुछ दिनो की मोहल्लत देकर, उन्हें आवेदन के साथ धरोहर राशि और डेयरी प्लॉट अलॉटमेंट की 20 प्रतिशत राशि निगम कार्यालय में जमा करवाने के लिए सूचित किया गया था। इस पर भी जिन डेयरी मालिको ने किसी प्रकार की रूचि नहीं दिखाई, अंतत: उनके खिलाफ डेयरी सील करने जैसी कार्रवाई करनी पड़ी।
उन्होंने बताया कि शहर से सभी डेयरियों को पिंगली स्थित डेयरी कॉम्पलैक्स में हर हालत में शिफ्ट किया जाएगा। शहर की सफाई और स्वच्छता को लेकर यह जरूरी भी है। शहर के नागरिकों की भी मांग है कि नगर निगम की ओर से डेयरी कॉम्पलैक्स बनाए जाने के बाद भी जो डेयरी मालिक अवैध रूप से अपना डेयरी का धंधा चालू रखे हुए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और सभी डेयरियां शहर से बाहर स्थानांतरित होनी चाहिएं।
उन्होंने यह भी बताया कि शहर में डेयरियां सीवर लाईनो को समूचित रखने में एक बड़ी बाधा बनी हुई हैं। नगर निगम अपनी प्रतिबद्धता के अनुसार सभी डेयरियों को शहर से बाहर शिफ्ट करने की कार्रवाई पूरी करेगा।
इसके लिए जो डेयरी मालिक अपना व्यवसाय बंद करना चाहते हैं, वह नगर निगम में शपथ पत्र दे सकते हैं और जो डेयरी मालिक शपथ पत्र देने के बाद भी डेयरी का व्यवसाय करेंगे, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।