मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते औद्योगिक ईकाईयों व फैक्ट्री में काम करने वाले श्रमिकों के पलायन को रोका जाए और सम्बंधित औद्योगिक ईकाई व फैक्ट्री के संचालक उनके ठहरने, खाने-पीने की समुचित व्यवस्था का प्रबंध करना सुनिश्चित करें। किसी भी श्रमिक को भूखा पेट नहीं रहने दें, इस कार्य में सामाजिक संगठनो का भी सहयोग लिया जाए। इसके अलावा प्रदेश से गुजरकर पलायन करने वाले श्रमिको का हैल्थ चैकअप करने के लिए प्रत्येक जिला में हैल्थ कैम्प लगाए जाएं और जिनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, उनको अलग स्थान पर रखकर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिया जाए।
मुख्यमंत्री शनिवार को चण्डीगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के माध्यम से हरियाणा सरकार की ओर से आयुक्त रैंक के नियुक्त किए गए प्रत्येक जिले के नोडल अधिकारियों के साथ स्वस्थ्य सेवाओं तथा राशन सामग्री वितरण व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने मुख्यत: 4-5 बिन्दुओं पर जानकारी ली, जिनमें विदेशों से आने वाले प्रत्येक जिल में कितने लोग हैं और उनमें से अब तक कितने लोगों की स्वास्थ्य जांच हो चुकी है, कितनो को क्वारंटाईन किया जा चुका है, कितने के सैम्पल लिए जा चुके हैं, राशन सामग्री का वितरण ठीक प्रकार से हो रहा है, कितने वालंटियर रजिस्टर्ड हो गए हैं, सब्जी, करियाणा व दूध वितरण के लिए पंजीकृत लोग सही तरीके से सप्लाई कर रहे हैं या नहीं, जैसे महत्वपूर्ण बिन्दु शामिल रहे।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं दुरूस्त हैं और बेहतर तरीके से अपना कार्य कर रही हैं और आगे भी किसी प्रकार की कमी न आने दें। वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि करनाल जिला सेवा-भावना का एक स्थान हैं, यहां के लोग बढ़-चढ़ कर समाज सेवा के कार्य में भाग लेते हैं।
उन्होंने मण्डल आयुक्त विनित गर्ग को निर्देश दिए कि कोरोना वायरस महामारी जैसी संकट की घड़ी में जिला की एनजीओ के साथ प्रशासन मीटिंग करें और उनसे सहयोग की अपील करें। उन्होंने कहा कि बीपीएल परिवारों, मुख्यमंत्री परिवार समृद्घि योजना तथा श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों के अलावा जो गरीब परिवार सरकार की योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हैं, ऐसे लोगों को भी पंजीकृत किया जाए, ताकि उन्हें भी एक हजार रूपये सप्ताहिक आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जा सके।
मण्डल आयुक्त ने विनित गर्ग ने वीसी में बताया कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और लोगों को लॉकडाउन के दौरान घरों में रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है तथा खाद्य सामग्री जैसी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि करनाल जिला में करीब 425 लोग विदेशो से आए हैं, जिन पर स्वास्थ्य विभाग की कड़ी नजर है।
इनमें 96 को होम क्वारंटाईन, 215 अंडर सर्विलांस तथा कुंजपुरा में 5 परिवारों को क्वारंटाईन पर रखा गया है। उन्होंने बताया कि 28 मार्च को प्रात: 10 बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार कुल 41 लोगों के सैम्पल टेस्ट के लिए भेजे गए थे, जिनमें से 32 नेगेटिव पाए गए हैं तथा 9 की रिपोर्ट पेंडिंग हैं। अब तक जिला में कोरोना वायरस संक्रमण का कोई भी पोजि़टिव केस नहीं पाया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि मैडिकल उपकरणो में डॉक्टरों के लिए 550 व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, 3500 एन 95 मास्क तथा कोरोना पीडि़तों के ईलाज के लिए 50 वैंटीलेटर तथा 80 इंसुलेशन बैड की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लोगों को आवश्यक वस्तुएं मुहैया करवाने के लिए करीब 300 करियाना की दुकानें तथा 200 सब्जी व फल विक्रेताओं की पहचान कर, उनके सम्पर्क नम्बर मीडिया के माध्यम से जारी करवाए जा चुके हैं। इसके अलावा जिला प्रशासन की वैबसाईट पर भी यह सूची अपलोड करवाई जा चुकी है। इतना ही नहीं सरकार के आदेशानुसार आवश्यक वस्तुओं की रेट लिस्ट भी वैबसाईट पर अपलोड तथा मीडिया में जारी करवाई जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से 5 हजार राशन की किट भी गरीब लोगों में वितरित की गई हैं, इस किट में कम से कम एक परिवार के लिए 3 सप्ताह का राशन जैसे आटा, चावल, तेल, दाल, चीनी, मिल्क पाउडर, हल्दी, नमक, मिर्च व मसाले इत्यादि शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि गत दिवस एक हजार लोगों के लिए खाना तैयार करवाकर झुग्गी-झोपडिय़ों व स्लम बस्तियों में रहने वाले गरीब लोगों में वितरित किया गया है।
उन्होंने बताया कि करनाल जिला में श्रमिक पलायन नहीं कर रहे हैं, इसके बावजूद भी दूसरे प्रदेशो से पलायन करने वाले और करनाल जिला से गुजरने वाले श्रमिको के ठहरने की व्यवस्था करनाल शहर में स्थित रोड़ धर्मशाला में की गई है।