- कोच ने खिलाड़ी शुभम को नहीं दी थी बारात में जाने की परमिशन , खुद की मर्जी ले गई जिंदगी के उस पार
- हैंडेबाल में जूनियर नेशनल प्रतियोगिता में जीत चुका था दस मेडल,
- करनाल में सड़क दुर्घटना में हुई मौत
- सेना में भर्ती होकर हैंडबाल खेलने का था सपना
- कल करनाल के असंध में कैथल रोड स्थित बाबे दा ढाबे के पास पेड़ में टकराने से कार में सवार हैंडबाल खिलाड़ी शुभम वासी गांव क्योडक जिला कैथल की हो गई मौत।
खिलाड़ी बार बार अपने कोच डाॅ. राजेश से दोस्त की बारात में जाने की परमिशन मांग रहा था, लेकिन कोच ने मना कर दिया था। उसके बाद भी शुभम खुद की मर्जी से दोस्त की बारात में आ गया। खुद की मर्जी खिलाड़ी को जिंदगी के उस पार ले गई। खिलाड़ी की मौत की सूचना से कैथल के छोटू राम इनडोर स्टेडियम में अभ्यास करने खिलाड़ियों में शोक छा गया। कोच ने अचानक गेम बंद करवा दिया और असंध के नागरिक अस्पताल पहुंचे।
कैथल के स्टेडियम में खिलाडियों को अभ्यास करवाने वाले हैंडबाल कोच डाॅण् राजेश ने बताया कि उन्हे करीब पांच बजे हादसे की सूचना मिली तो तुरंत सभी का खेल बंद करवा दिया गया। कोच राजेश ने बताया कि शुभम ने जूनियर स्तर पर अभी तक 10 के करीब नेशनल प्रतियोगिताओं में मेडल जीत रखे है। कोच ने बताया की शुभम होनहार खिलाड़ी थाए जिसने दिल्ली में आयोजित प्रतियोगिता में अभी तीसरा स्थान हासिल किया था। वहीं कोच ने बताया कि इसी जनवरी माह में छतीशगढ़ में हुई जूनियर नेशनल प्रतियोगिता में शुभम ने कांस्य पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया था।
कोच डाॅण् राजेश ने बताया कि चार दिन पहले उन्होंने खिलाड़ी शुभम के कागजात भारतीय सेना को भेजे थे। अब सेना से भर्ती को लेकर बुलावा आना था। इसलिए उसे शादी और अन्य कार्यक्रमों में जाने से मना किया हुआ था। उन्होंने बताया कि गुरूवार रात को शुभम उनसे बारात में जाने की परमिशन मांग रहा था। उन्होंने और सभी खिलाड़ियों ने उसे बारात में जाने से मना किया था। फिर भी वह शुक्रवार को बारात में आ गया और यह हादसा हो गया। उन्होंने बताया कि खिलाड़ी का सपना था कि वह भारतीय सेना में भर्ती होकर देश के लिए हैंडबाल खेलकर देश का नाम रोशन करे।
उन्होंने बताया कि खिलाड़ी साढ़े पांच साल की उम्र से उनके पास खेल रहा है। अब वह साढ़े 17 साल का हुआ था। खिलाड़ी इस बार बारहवीं कक्षा के पेपर देता। जोकि कैथल के राजकीय स्कूल में पढ़ता था। कोच ने बताया कि खिलाड़ी शुभम के पिता महिपाल की भी छह माह पहले मौत हो चुकी है।