धन-धन श्री गुरु गोबिंद सिंह महाराज जी के चार साहिबजादों व माता गुजर कौर जी की शहादत को समर्पित करनाल की समूह संगत व सभा सोसायटीयों द्वारा जीटी रोड पर अटूट लंगर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आज प्रात: पांच बजे प्रभातफेरी का स्वागत कर शब्द कीर्तन द्वारा लंगर की शुरुआत की गई। संत बाबा सुक्खा सिंह जी की सरपरस्ती में आयोजित इस लंगर में दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं व राहगिरों ने गुरु के प्रसाद को बड़े चाव से चखा।
गुरु के लंगर में चाय-ब्रैड के अलावा कड़ी चावल, राजमा चावला, पूरी-छोले, सूप आदि प्रसाद राहगिरों को बांटा गया। यह जानकारी देते हुए बाबा सुक्खा सिंह ने बताया कि चार साहिबजादों व माता गुजर कौर की शहादत को समर्पित यह लंगर का सेवा कार्य तीन दिन तक चलेगा, जिसमें सभी करनाल की सिख जत्थेबंदियां, सेवा सोसायटियां, गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियां व आस पास के गंाव की संगत ने तन-मन-धन से गुरु के लंगर में सहयोग कर रही हैं।
उल्लेखनीय है कि गुरु गोबिंद सिंह जी ने आनंदपुर साहिब का किला छोडऩे के बाद माछीवाड़े के जंगल में सरसा नदी के किनारे पार करते गुरु जी का परिवार दो हिस्सों में बंट गया था, जिसमें छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह व बाबा फतेह सिंह अपनी दादी मां माता गुजर कौर जी के साथ गुरु गोबिंद सिंह व बड़े साहिबजादे बाबा अजीत सिंह व बाबा जुझार सिंह से अलग हो जाते हैं।
चमकौर की लड़ाई में 40 लाख मुगल सेना से युद्ध करते समय दोनों बड़े साहिबजादे व गुरु जी के कुछ सिंग शहीद हो जाते हैं व छोटे साहिबजादे सूबा सरहंद, वजीर खां के द्वारा सुनाए गए फतवे के तहत दीवारों में चिनवा कर शहीद कर दिये गए। तभी से सिख कौम द्वारा चार साहिबजादों एवं माता गुजर कौर जी का शहादत दिवस मनाया जाने लगा।