November 6, 2024

करनाल। राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में नेशनल मिल्क डे (राष्ट्रीय दुग्ध दिवस) के अवसर पर डा. वरगीस कुरियन की 97वीं जयंती मनाई गई। डा. आरआरबी सिंह ने कहा कि डा. वरगीस कुरियन को भारत के मिल्कमैन रूप जाना जाता है। 26 नवंबर को उनकी याद में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है।

उन्होने कहा कि डा. कुरियन श्वेत क्रांति के जनक थे, उन्हीं के प्रयासों की बदौलत आज भारत 176.3 मिमियन टन दूध उत्पादन करके विश्व में प्रथम स्थान पर है। इसमें 55 प्रतिशत योगदान भैंस है और अन्य 45 प्रतिशत दूध गाय सहित अन्य दुधारू पशुओं की देन है। डा. सिंह बताया कि विश्व के कुल दूध उत्पादन का 20% प्रतिशत दूध अकेला भारत उत्पादन करता है।

डा. कुरियन ने दुग्ध सहकारिता क्षेत्र को भी बढावा दिया है। जिसकी मिसाल आज अमूल है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत के कुल उत्पादन का 18 प्रतिशत दूध ही संगठित क्षेत्र में प्रसंस्कृत किया जाता है। किसानों एवं पशुपालकों को लाभ पहुंचाने के लिए इसको बढावा देने की जरूरत है।

डॉ एससी शर्मा, पूर्व निदेशक ने इस अवसर पर डॉ। कुरियन के साथ अपना अनुभव बताया की डॉ। कुरियन ने डेयरी में पांच बदलाव किए, गांवों से ग्राहक के घर तक दूध की खरीद के लिए एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला। दूसरा, उन्होंने डेयरी क्षेत्र में समकालीन प्रौद्योगिकी और उत्पादन प्रणालियों को लाया।तीसरा, उन्होंने अभिनव विपणन शुरू किया था।

चौथा, उन्हों ने डेयरी उद्योग के विभिन्न पहलुओं जैसे कि नीतिगत मामलों, रणनीति, डेयरी उद्योग में नवाचार और शिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए संगठनों का उपयुक्त वातावरण बनाया।अंतिम और बहुत महत्वपूर्ण विचार भारत में डेयरी सहकारी मॉडल को बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक दृष्टि। इस विचार को ऑपरेशन फ्लड के नाम से जाना जाता है, ऑपरेशन फ्लड के माध्यम से डेयरी सहकारी मॉडल को बढ़ावा देने में बहुत ही महत्वपूर्ण काम किया ।

संयुक्त निदेशक (अनुसंधान) डा. ए के त्यागी ने कहा कि डा. कुरियन को डेयरी विज्ञान के क्षेत्र में अपने अभूतपूर्व योगदान के लिए याद किया जाता है। उन्होंने कहा कि देश को दूध उत्पादन में शिखर तक पहुंचाने में किसानों के साथ साथ संस्थान के वैज्ञानिकों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसलिए यदि हमें देश की सेवा करनी है तो सर्वप्रथम कृषकों की सेवा करनी होगी तथा उसके लिए उपलब्ध तकनीकियों को कृषकों तक पहुंचाया जाए।

इस अवसर पर दूध के बारे में जागरूकता को बढ़ने के लिए स्कूल के बच्चों के लिए कैंपस में विजिट भी रखी जिसमे और मिल्क और मिल्क के प्रोडक्ट्स को विस्तार से बताया गया इस अवसर पर संस्थान के विद्यार्थियों, वैज्ञानिकों तथा अन्य कर्मचारियों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।

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