November 23, 2024

1947 में देश आज़ाद नहीं हुआ था बल्कि देश का विभाजन हुआ था, क्योंकि शहीदों ने जिस अखंड भारत की आज़ादी के लिए जेलें काटी, गोलियाँ खायी व हँसते हँसते फाँसी के फंदे को चूमा वो भारत लाहौर से ढाका तक था। ये उद्गार आज राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य व राष्ट्रीय प्रचारक इंद्रेश ने निफ़ा द्वारा आयोजित कार्यक्रम वन्दे मातरम में व्यक्त किए।

निफ़ा द्वारा शहीद ए आज़म भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के 88वे शहादत दिवस पर आयोजित उतर भारत युवा स मेलन में मु य अतिथि के रूप में बोलते हुए इंद्रेश ने कहा कि अगर हम वास्तव में शहीदों को Ÿधांजलि अर्पित करनी है तो हमें भारत भूमि को ज़मीन का टुकड़ा न समझ कर भारत माता समझना होगा व जब हम सभी का जुड़ाव भारत माता के साथ हो जाएगा तो धर्म, जाति, क्षेत्र व भाषा के नाम पर झगड़े अपने आप समाप्त हो जाएँगे।

उन्होंने हरियाणा के विभिन्न जिलो के साथ साथ पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान, उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश से आए युवाओं को अखंड भारत, स्वच्छ भारत के लिए काम करने का संकल्प भी दिलवाया। कार्यक्रम अध्यक्ष व हैफ़ेड चेयरमेन हरविंदर कल्याण ने भी देश के महान शहीदों को याद किया व अंडेमन निकोबार की अपनी यात्रा के दौरान सेलुलर जेल जिसे काला पानी भी कहा जाता है के संस्मरण सुनाए ओर देश की आज़ादी के लिए देशभगतो की महान कुर्बनियों का वर्णन किया।

कार्यक्रम में मु यमंत्री के विशेष कार्यकारी अधिकारी अमरेन्द्र सिंह ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की जबकि आर पी ग्रूप के चेयरमेन आर पी सिंगल विशेष आमंत्रित अतिथि रहे। इस पूर्व सभी अतिथियों ने शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के चित्र पर पुष्प अर्पित कर व दिया जलाकर उनकी महान क़ुरबानी को याद किया। उत्तर भारत के युवा सामाजिक कार्यकर्ताओं के इस स मेलन मेंयुवा गतिविधियों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले युवाओं को शहीद भगत सिंह युवा शक्ति स मान, शहीद राजगुरु युवा स मान व शहीद सुखदेव युवा स मान से नवाज़ा गया।

जहाँ इस आयोजन में देश भक्ति के गीतों ने माहौल को देशभक्ति के रंग में रंग दिया वहीं निफ़ा द्वारा तीनो महान शहीदों के जीवन व जीवन मूल्यों पर आधारित लाइट एंड साउंड ड्रामा ए मिसअंडरस्टुड हीरो आफ इंडिया भगत सिंह की प्रस्तुति भी दी गयी। कृष्ण मालिक द्वारा निर्देशित इस नाटक में तरलोचन सिंह ने भगत सिंह का चरित्र निभाया जबकि तहसीन ने राजगुरु व वाजिद ने सुखदेव का रोल किया। चमन भास्कर लाला लाजपत राय की भूमिका में नजऱ आए।

चंद्रशेखर आज़ाद को सुखपाल पन्नु ने मंचित किया व महक ज्योत ने दुर्गा भाभी का चरित्र को मंच पर अपने शानदार अभिनय से ज़िंदा कर दिया। इसके अतिरिक्त मनीषा नागपल हिस्ट्री व गुरदयाल समय बने। प्रीतपाल पन्नु ने चाचा चतर सिंह की भूमिका निभायी। करन लड्डा ने लाइट का कंट्रोल देखा। इसके अतिरिक्त अन्य कयी कलाकारों ने अपने सशक्त अभिनय से भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं व विचारों को युवाओं के सामने रखा।

कार्यक्रम ल बा चलने के बावजूद नाटक के बेहतरीन कथानक, कलाकारों के शानदार अभिनय व कुशल निर्देशन ने दर्शकों को झकझोर कर रख दिया व सभी ने ख़ूब तालिया बजाई। आज ऐसा लग रहा था की मंच पर इंक़लाब फिर से जिंदा हो गया हो। कार्यक्रम में हरियाणा ग्रंथ अकादमी के चेयरमेन प्रो. विरेंद्र सिंह चौहान, हरियाणा सफ़ाई कर्मचारी आयोग के सदस्य आज़ाद सिंह, समाज सेवी राज सिंह, निफ़ा के संयोजक नरेश बराना, महासचिव हरीश शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष परमिंदर पाल सिंह, उपाध्यक्ष गुरमीत सिंह सचदेवा, सह सचिव जस्विंदर सिंह बेदी, मनजीत सिंह, ज़िला अध्यक्ष जितेंद्र नरवाल, सिंह मोटर साइकलिस्ट के संयोजक संदीप सिंह, दिल्ली शाखा के प्रधान ब्रह्म सरूप, महासचिव रघुराज सिंह बेदी, उत्तराखंड के प्रधान सुमित, पंजाब के प्रधान सरबपरीत सिंह, राजस्थान जयपुर की प्रधान सुषमा, हरियाणा के उपाध्यक्ष रामानंद दलाल व प्रदेश सचिव दलबीर सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.