नगराधीश ईशा काम्बोज ने कहा कि घरेलू हिंसा, यौन शोषण, बलात्कार पीडित, दहेज उत्पीडन, बाल विवाह, बाल यौन शोषण, एसिड अटैक व वैश्यावृति जैसे अपराधों से पीडित महिलाओं व बच्चों की सहायता के लिए जिला में वन स्टॉप सेंटर स्थापित किया गया है। इस केंद्र मेें पीडित महिलाओं को चिकित्सा सुविधा, एफआईआर दर्ज करवाने में सहायता, मानसिक व सामाजिक परामर्श, कानूनी सहायता तथा दुर्घटना स्थल से केंद्र तक लाने जैसी जरूरी सेवाएं प्रदान की जा रही है। नगराधीश वीरवार को महिला आश्रम स्थित वन स्टॉप सेंटर(सखी) के कार्यालय में जिला स्तरीय प्रबंधक कमेटी की त्रिमासिक बैठक को सम्बोधित कर रही थी। बैठक में वन स्टाप सेंटर के उदेश्यों, सेवाओं, स्टाफ की स्थिति तथा लाभार्थियों के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए काफी प्रयास किए जा रहे है। करनाल में हरियाणा का पहला वन स्टॉप सेंटर खोला गया था, जोकि महिलाओं के लिए काफी सुविधाजनक है। इस वन स्टॉप सेंटर की सफलता को देखते हुए सरकार द्वारा प्रदेश के 6 अन्य जिलों में भी यह सेंटर खोले गए है जिनमें रेवाडी, गुरूग्राम, हिसार, भिवानी, फरीदाबाद तथा नारनौल शामिल है।
सरकार द्वारा आने वाले समय में प्रदेश के सभी जिलों में यह केंद्र खोले जाने प्रस्तावित है। इस मौके पर महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी रजनी पसरीजा ने नगराधीश को बताया कि अगस्त 2015 में सेंटर की स्थापना हुई थी, तब से लेकर अब तक केंद्र में 705 मामले आ चुके है। जिनमें 228 घरेलू हिंसा, 57 गुमशुदा, 7 तस्करी, 8 बलात्कार, 14 बाल शोषण, 4 बाल विवाह, 2 दहेज उत्पीडन, एक साईबर क्राईम, 3 यौन शोषण, 2 किडनैपिंग तथा 164 मामले बच्चों से सम्बन्धित अपराधों व 217 अन्य मामले आए है। इन मामलों में पीडितों की हर सम्भव मदद करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने बताया कि हर पीडित महिला वन स्टॉप सेंटर तक पहुंचे इसके लिए जागरूकता शिविर आयोजित किए जाते है। इस अवसर पर उपसिविल सर्जन डा0 कैलाश, कानूनी सलाहकार मिनी मेहता, महिला थाने की एसआई सुनिता देवी तथा वन स्टॉप सेंटर का स्टाफ उपस्थित था।