सीबीआई ने मानेसर भूमि सौदा मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और 33 अन्य के खिलाफ चार्ज शीट दायर की है ! अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने आपराधिक षडयंत्र और धोखाधड़ी तथा एंटीकरप्शन कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत चार्ज शीट दायर किया है ! उन्होंने बताया कि उस समय हरियाणा सरकार में वरिष्ठ अधिकारी रहे पूर्व यूपीएससी सदस्य चत्तर सिंह का नाम भी चार्ज शीट में बतौर आरोपी दर्ज है !
सीबीआई ने अपनी FIR में आरोप लगाया कि निजी बिल्डरों और अन्य ने सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से करीब 400 एकड़ की भूमि मासूम भूमि मालिकों से केवल 100 करोड़ रुपये की कीमत पर खरीदी ! उस समय इस जमीन की बाजार में कीमत चार करोड़ रुपये प्रति एकड़ से अधिक थी ! सीबीआई ने कहा कि गुरुग्राम के मानेसर, नौरंगपुर और लखनौला गांवों के भूमि मालिकों को कथित तौर पर 1,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ !
एजेंसी ने सितंबर 2015 में मामला दर्ज किया था ! उसका आरोप था कि निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के अधिकारियों के साथ साजिश रचकर 27 अगस्त 2004 और 24 अगस्त 2007 के बीच बेहद कम दरों पर भूमि खरीदी ! उन्होंने भूमि पर सरकार के अधिग्रहण का डर दिखाया !
उल्लेखनीय है कि मानेसर जमीन घोटाले में ही 12 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्णय सुरक्षित रखा था ! उस दिन सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए चार महीने का समय दिया था व हरियाणा सरकार को आदेश दिए थे कि एक सप्ताह के अंदर -अंदर इस मामले की जांच करने वाले जस्टिस एसएन ढींगरा आयोग की रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करे ! मानेसर जमीन घोटाला करीब 1600 करोड़ का बताया जाता है !
इसी दौरान सीबीआइ ने पंचकूला की विशेष सीबीआइ अदालत में मानेसर घोटाले मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी ! इस मामले में ईडी ने भी हुड्डा के खिलाफ सितंबर 2016 में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था ! ईडी ने हुड्डा और अन्य के खिलाफ सीबीआइ की एफआइआर के आधार पर आपराधिक मामला दर्ज किया था !
चार्जशीट से भरी आलमारी अदालत में ले जाते कर्मचारी
अब इस मामले में सीबीआई ने पंचकूला की सीबीआई कोर्ट के स्पेशल जज कपिल राठी की अदालत में चार्जशीट पेश की है ! मानेसर जमीन घोटाले को लेकर सीबीआइ ने हुड्डा और अन्य के खिलाफ 17 सितंबर 2015 को मामला दर्ज किया था ! इस मामले में ईडी ने भी हुड्डा के खिलाफ सितंबर 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था ! ईडी ने हुड्डा और अन्य के खिलाफ सीबीआइ की एफआइआर के आधार पर आपराधिक मामला दर्ज किया था। कांग्रेस लगातार इस कारर्वाई को सियासी रंजिश करार दे रही है !
1600 करोड़ की जमीन 100 करोड़ में बेचने का आरोप
पिछली हुड्डा सरकार पर अपने कार्यकाल के दौरान करीब 900 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर उसे बिल्डरों को कौडिय़ों के भाव यानी सिर्फ 100 करोड़ में बेचने का आरोप है। पूरे मामले में करीब 1600 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया जा रहा, जबकि हुड्डा बार-बार इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए सुई भाजपा नेताओं की तरफ घुमाते हैैं।
उनका कहना है कि भाजपा नेताओं के अनुरोध पर अधिग्रहीत जमीन छोड़ी गई थी। यह जमीन तीन गांवों की है। किसानों ने गुरुग्राम के मानेसर थाने में केस दर्ज कराया था। भाजपा सरकार ने 17 सितंबर 2015 को मामला सीबीआइ के सुपुर्द कर दिया। सीबीआइ ने जमीन अधिग्रहण में अनियमितता को लेकर प्रीवेंशन आफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 420, 465, 467, 468, 471 तथा 120 बी के तहत मामला दर्ज किया।