करनाल/कीर्ति कथूरिया : प्रदेश की हजारों मिड डे मील वर्कर्स अपनी मांगो को लेकर 28 जुलाई को फरीदाबाद में शिक्षा मंत्री के आवास पर आक्रोश रैली करेंगे। यह फैसला मिड डे मील वर्कर्स यूनियन (1933) सम्बंधित सीआईटीयू की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया रोहतक सीटू कार्यालय मे।
स्टेट कमेटी की मिटिग में लिए गए फैसले के बाद मिड डे मील राज्य कमेटी सदस्य ओ पी माटा, राज्य कैशियर जय भगवान, यूनियन राज्य महासचिव सरबती देवी ने संबोधित करते हुए कहा कि महंगाई इतनी ज्यादा बढ़ चुकी लेकिन लंबे समय से वर्कर मानदेय में कोई बढ़ोतरी नही की है।
महंगाई ने कमर तोडक़र रख दी है। जिसे लेकर वर्कर बेहद नाराज है। इसका खामियाजा लोकसभा चुनावों में भाजपा को भुगतना पड़ा है। यही हाल रहा तो उसका आगामी विधान सभा चुनाव में भी सुफड़ा साफ होगा। संगठन नेताओं ने कहा कि कहा कि हरियाणा में 30 हजार के करीब मिड डे मील वर्कर्स हैं जो भारी समस्याओं का सामना कर रही है।
संगठन नेताओं ने कहा कि सरकार पूरी तरह से सरकारी शिक्षा व्यवस्था को तबाह करने पर उतारू है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करते हुए राज्य में हजारों स्कूल बंद किए जा रहे हैं। हजारों मिड डे मील वर्कर्स की नौकरी छीनी जा रही है। गरीब बच्चों को भविष्य में शिक्षा से बेदखल करने के लिए चिराग योजना लाई गई है।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में काम करने वाले सभी अध्यापकों व कर्मचारियों को साल के पूरे 12 महीने का वेतन मिलता है। परंतु वर्कर्स को केवल 10 महीने का ही दिया जाता है। किसी भी प्रकार का रिटायरमेंट लाभ नहीं मिल रहा है। इसलिए सरकार न्यूनतम वेतन 26000 रूपये लागू करे, वेतन 10 की बजाय 12 महीने दे।
रिटायरमेंट की उम्र 65 साल हो व 5 लाख रिटायरमेंट लाभ मिलना चाहिए, वर्दी भत्ता 2000 रूपये तय किया जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति वापस हो और स्कूल मर्ज करना बंद हो तथा हटाई गई वर्कर्स को काम पर लिया जाए। उन्होंने कहा कि इन मांगो को लेकर आगामी दिनों में राज्य में बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा। इसकी शुरुआत 28 जुलाई को फरीदाबाद में शिक्षा मंत्री के आवास पर राज्य स्तरीय प्रदर्शन से होगी। इस बीच मिड डे मील वर्कर्स को यूनियन का सदस्य बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।