करनाल/कीर्ति कथूरिया : गुरु नानक देव जी की चरण छोह प्राप्त ऐतहासिक स्थान गुरुद्वारा मंजी साहेब करनाल में भक्ति काल के अग्रणी भगत, शिरोमणि संत रविदास जी की जनम जयंती को समर्पित गुरमत समागम का आयोजन किया गया व उनके जीवन व जीवन मूल्यों से संगत को अवगत किया गया।
दशमेश अखाड़ा, इंटरनेशनल सिख फोरम व गुरुद्वारा मंजी साहेब पातशाही पहली की प्रबंधक कमेटी द्वारा आयोजित गुरमत समागम में हेड ग्रंथी ज्ञानी अमृतपाल सिंह् ने भगत रविदास जी के जनम से लेकर अंत समय तक के इतिहास की जानकारी दी व उस समय के समाज में व्याप्त भेद भाव, ऊँच नीच, जाती पाति के ख़िलाफ़ उनके उपदेशों का वर्णन किया।
हजूरी रागी भाई बलविंदर सिंह व भाई रवींद्र सिंह निमाना के रागी जत्थे ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज भगत रविदास जी के शब्दों में से कुछ शब्दों का कीर्तन किया। इंटरनेशनल सिख फ़ोरम के महासचिव प्रीतपाल सिंह पन्नु ने बताया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब में शिरोमणि संत भगत रविदास जी के 40 शब्द 16 रागों में दर्ज हैं।
दुनिया का हर सिख भगत रविदास जी को गुरु समान मानता है व श्री गुरु ग्रंथ साहेब में शामिल उनकी बानी से हुकमनामा आने पर उसे गुरु का ही हुकुमनामा मानता है। गुरुद्वारा मंजी साहेब प्रबंधक कमेटी के प्रधान गुलाब सिंह मूनक, गुरु नानक सेवक जत्थे के प्रधान रतन सिंह व दशमेश अखाड़े के प्रधान गुरतेज़ सिंह ख़ालसा व इंटरनेशनल सिख फ़ोरम के महासचिव प्रीतपाल सिंह पन्नु ने गुरमत समागम में शामिल हुई रविदास समाज की प्रमुख संस्थाओं को सम्मानित किया।
गुलाब सिंह मूनक ने बताया कि श्री गुरु रविदास सभा न्यू रमेश नगर सदर बाज़ार, रविदासिया समाज सेवा संघ, गुरु रविदास मंदिर जाटों गेट, गुरु रविदास मंदिर सभा सैदपुरा, अंबेडकर जन्मोत्सव सभा, हरिजन चौपाल, डॉ भीम राव अंबेडकर सेवा दल, गुरु रविदास सभा राजीव पुरम से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए व इन सभी संस्थाओ को सम्मानित किया गया।
रविदास सभा के प्रधान रोहित जोशी, सोहन लाल सैदपूरा व अन्यों ने सिख समाज द्वारा श्री रविदास जी की जनम जयंती पर गुरद्वारा साहेब में समागम आयोजित करने पर ख़ुशी व्यक्ति की व इसे भाईचारे को बढ़ावा देने वाला कदम बताया।