करनाल/कीर्ति कथूरिया : उप सिविल सर्जन डा0 सिम्मी कपूर के निर्देशानुसार माता प्रकाश कौर, श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण केन्द्र, करनाल में प्रिंसीपल दिनेश सिंह की अध्यक्षता में टी0बी0 के कैम्प का आयोजन किया गया।
इस कैम्प में प्रिंसीपल दिनेश सिंह, सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर रेखा, टीबी एच वी सुनील, दीपिका तथा डिम्पल उपस्थित रहे।
दिनेश सिंह के द्वारा बच्चों को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के बारे में बताया गया। इसके अतिरिक्त यह भी बताया गया कि भारत को टी॰बी॰ मुक्त करने का लक्ष्य 2025 है।
टी.बी. एक संक्रामक रोग है जोकि टी॰बी॰ के मरीज के खासंने और छींकने से फैलता है। यह इंफैक्शन आसानी से हवा में घुल जाता है। शुरूआत में यह बीमारी फेफडो पर असर करती है। बाद में बैक्टीरिया खून के जरिये शरीर के अन्य हिस्सो को प्रभावित करता है।
निम्न लक्षण महसूस करते ही नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र पर जांच करवाएं ताकि इसका ईलाज समय पर हो सकेः
1. दो हफ्ते से ज्यादा खांसी आना।
2. सांस लेने में परेशानी।
3. वजन कम होना।
4. हल्का बुखार होना।
5. भूख कम लगना।
6. रात को पसीने आना।
7. बलगम में खून का आना।
टी0बी0 की बीमारी दो प्रकार की होती है एक फैलने वाली टी0बी0 तथा दूसरी बिना फैलने वाली टी0बी0। फैलने वाली टी0बी0 की जांच बलगम के द्वारा की जाती है। यह जांच सीबी नाट के माध्यम से की जाती है।
बिना फैलने वाली टी0बी0 में बगल में गांठ का होना, रीढ की हडडी में टी0बी0 का होना तथा दिमाग की टी0बी0 का होना। टी0बी0 का ईलाज डोटस के द्वारा दिया जाता है। यह ईलाज 6 महीने तक चलता है।
जिला करनाल में 6 क्षय रोग विभाग हैं तथा 15 जगह बलगम के जांच केन्द्र हैं जहां पर मरीजों के बलगम की निःशुल्क जांच की जाती है । भारत सरकार द्वारा निक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत टी॰बी॰ मरीजों को पोषण हेतु 500/-प्रतिमाह देने का प्रावधान किया गया है ।
एन0टी0ई0पी0 के अन्तर्गत नये टी॰बी॰ मरीजों की सूचना देने तथा उनकी बलगम की जांच करवाने उपरान्त टी॰बी॰ पाये जाने पर सूचना देने वाले को 500/-प्रति मरीज देने का प्रावधान है ।
इस कैम्प में कुल 60 बच्चों की टी0बी0 स्क्रीनिंग की गई जिसमें हरि मोहन, रितु, वसुधा तथा हीना ए0एन0एम उपस्थित रहे।