करनाल/कीर्ति कथूरिया : सशक्त नारी समाज का आधार स्तंभ है। वर्तमान की छात्राएं भविष्य की नारी हैं। जहां सशक्त नारी हो वही समाज, परिवार और देश भी सशक्त बन सकता है।
पाश्चात्य संस्कृति, दूरदर्शन एवं अनेक व्यावसायिक चैनलों एवं पैसों की दौड़ आदि के प्रभाव में नारी आधुनिकता की लहर में अपने नैतिक मूल्यों की अवहेलना कर रही है। इसका प्रभाव समाज पर दिखाई दे रहा है।
उक्त उदगार माउंट आबू राजस्थान से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने व्यक्त किए। वह डीएवी गल्र्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में नैतिक शिक्षा से सशक्त नारी विषय पर छात्राओं और शिक्षकों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि परोपकार, सेवाभाव, त्याग, उदारता, पवित्रता, सहनशीलता, नम्रता, धैर्यता, सत्यता, ईमानदारी, आदि सद्गुण नहीं आते तब तक छात्राओं की शिक्षा अधूरी है०। नैतिकता के अंग हैं – सच बोलना, चोरी न करना,अहिंसा, दूसरों के प्रति उदारता, शिष्टता, विनम्रता, सुशीलता आदि।
उन्होंने कहा कि राजयोग के अभ्यास द्वारा स्वयं को तनावमुक्त बनाकर सशक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि नारी जागी तो समाज जागा और नारी सोई तो समाज सोया।
इस मौके पर शिक्षिका ममता शर्मा ने सभी छात्राओं को कहा कि जो बातें आपने सुनी उसे अपने आचरण में लाकर भविष्य में सशक्त नारी बनकर समाज का फैला हुआ अंधाकर मिटाना। बी के सारिका बहन ने कहा कि अपनी सोच बदलने की, विचारों में परिवर्तन लाने की और अपने शक्ति को पहचानने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर बी.के. सरोज चावला, प्रिंसिपल रविंद्र शर्मा, ममता मेहला, भावना शर्मा व रिंकी आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में मेडीटेशन भी कराया गया।