करनाल/कीर्ति कथूरिया : मिड डे मील वर्करो को यदि 15 फरवरी 2024 तक पिछले 3-4 महीने मे मानदेय नही मिला और 23 जनवरी को शिक्षा मत्री के साथ हुई मीटिंग मानी गई मांगों को तुरंत लागू नहीं किया गया तो जिला करनाल की तमाम मिड डे मील वर्कर 16 फरवरी को हड़ताल करेंगी।
जिला प्रधान शिमला देवी, सचिव सन्तोष, कैशियर ओ पी माटा, ने बताया कि सरकार पूरी तरह से सरकारी शिक्षा व्यवस्था को तबाह करने पर उतारू है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करते हुए राज्य में हजारों स्कूल बंद किए जा रहे हैं। जिसके चलते हजारों मिड डे मील वर्कर्स की नौकरी छीनी जा रही है।
गरीब बच्चों को भविष्य में शिक्षा से बेदखल करने के लिए चिराग योजना लाई गई है। उन्होंने कहा की मिड डे मील वर्कर्स को मानदेय 7000 रूपऐ मिलते हैं वे भी 12 की बजाय केवल 10 महीने मिल रहा है।,सरकार आयुष्मान। कार्ड बनवाने के लिऐ मिड डे मील वर्करो के 1500 रू काटने पर तुरन्त रोक लगाऐ किसी भी प्रकार का रिटायरमेंट लाभ नहीं मिल रहा है।
दो वर्दी के लिए साल में 600 रूपये देकर मजाक किया जा रहा है। यही नहीं तय मानदेय के लिए भी महीनों इंतजार करना पड़ता है। जिसे लेकर राज्य की 30 हजार मिड डे मील वर्कर्स में रोष व्याप्त है।
इसलिए 16 फरवरी को ताला बन्द हडताल रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को मिड डे मील वर्कर्स की मांगो का समाधान करना पड़ेगा। सरकार न्यूनतम वेतन 26000 रूपये लागू करे, वेतन 10 की बजाय 12 महीने दे।
रिटायरमेंट की उम्र 65 साल हो व 5 लाख रिटायरमेंट लाभ मिलना चाहिए, मृत्यु होनने पर लाख रू मुआवजा दिया जाऐ वर्दी भत्ता 2000 रूपये तय किया जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति वापस हो और स्कूल मर्ज करना बंद हो तथा हटाई गई वर्कर्स को काम पर लिया जाए। उन्होंने कहा की रैली की तैयारी जोर शोर से चल रही है। 16 फरवरी की हडताल ऐतिहासिक होने जा रही है।