करनाल/कीर्ति कथूरिया : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेक्टर सात सोवा केंद्र की ओर से नववर्ष 2024 के उपलक्ष्य में उमंग उत्साह से आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस मौके पर सर्वप्रथम सभी अतिथियों को बैज लगाकार व सरोपे पहनाकर अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर आर्ट एंड क्लचर विंग की नैशनल कोर्डिनेटर व सेवाकेन्द्र की संचालिका राजयोगिनी प्रेम दीदी ने उपस्थित जनसमूह को नव वर्ष की मंगल कामनाएं देते हुए कहा कि नववर्ष का मतलब ही है कि पुराना सब कुछ भूलकर स्वयं में नवचता धारण करना।
यानि हमारे जीवन में नया उमग, उत्साह नई दृष्टि, वृति, कृति,, स्मृति, कर्म, व्यावहार, सम्बन्ध, समर्पण, नए श्रेष्ठ बोल, नए संस्कारों की धारणा हो और पुराना सब कुछ समाप्त यानि काम, क्रोध, लोभ, मोह, अंहकार, ईष्र्या, द्वेष, घृणा जैसी बात को पुरानी चीज समझ दृढ़तापूर्वक उसका त्याग करना।
मधुर बोल, सुखदाई बोल, समभाव के बोल बोलना, सबको सुख देना और सुख लेना, सबको शुभ भावना व शुभ कामना व दिल की दुआए देना। कार्यक्रम के मुख्य अतिथिभ्राता एडवोकेट नरेश खराना ने कहा कि वह संस्था के मुख्यालय मांऊट आबू गए थे, जहां असीम शांति और मन की शक्ति लिए राजयोग मेडीटेशन सीखा।
उन्होंने कहा कि उन्हें क्रोध बहुत आता था, लेकिन राजयोग सीखने से वह क्रोध मुक्त बन गए। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रेजीडेंट वरिष्ठ नागारिक मंच भ्राता एडवोकेट सुरेश खन्ना ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमें जिन्दगी में सदा सत्य की राह पर चलना चाहिए। कभी भी किसी भी परिस्थिति में झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए।
पार्षद मुकेश अरोड़ा ने नव वर्ष की मंगलकामनाएं सबको देते हुए कहा कि वह जब भी सेवा केंद्र पर आते हैं अत्यंत शांति व पवित्रता का अनुभव करते हैं। उन्होंने कहा कि यह संस्था जन कल्याण का कार्य कर अनेकों का जीवन मेडिटेशन से परिवर्तित कर रही है।
इस अवसर पर कुमारी काजल, संजना, रितिका व दीक्षा ने अपने नृत्य से सबका मन मोह लिया। सुरिंद्र गाबा व एनएल वर्मा के सुंदर आध्यात्मिक गीतों ने समा बांधा व कुमार गगन गोयल ने भी बहुत सुंदर गीत गाकर वातावरण में आनंद की लहर फैलाई।
ब्रह्माकुमारी शिखा बहन ने कुशल मंच संचालन किया। इस मौके पर दीप प्रज्जवलित किया व केक काटकर नया वर्ष मनाया। परमात्मा निराकार शिव बाबा को भोग स्वीकार कराकर सबका मुख मीठा करवाया गया।
इस मौके पर ओमनाथ मलिक, हरिकृष्ण नारंग, हरिकृष्ण मलिक, नीना सिंह, सरिता ठाकुर, देवी बंसल, सतबीर मित्तल, रामनिवास, राकेश छाबड़ा, महिंद्र संधु, जगदीश धीमान, ईश्वर सिंह ढुल, महीपाल मलिक, वी.पी. सिंह, संतराम पाहवा व ललित सरदाना आदि मौजूद रहे।