करनाल: हरियाणा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री कर्णदेव काम्बोज ने मंगलवार को शहीद उधम सिंह के 118 वें जन्मदिवस के अवसर पर हरियाणा काम्बोज सभा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि पहुँचे। उन्होंने उपस्थित जनसभा को सम्बोधित करने से पहले स्थानीय सेक्टर 9 चौंक पर शहीद उधम सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया और कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा अपनी घोषणा को अमलीजामा पहनाते हुए जिला मुख्यालय पर शहीद उधम सिंह की प्रतिमा स्थापित करने की शुरूआत करनाल जिला से कर दी है और इस प्रकार की प्रतिमा सभी जिला मुख्यालयों पर लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष हरियाणा काम्बोज महासभा द्वारा कुरूक्षेत्र में शहीद उधम सिंह के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के समक्ष सभा द्वारा यह मांग रखी गई थी।
मंत्री कर्णदेव काम्बोज ने कहा कि भारत महापुरूषों एवं वीरों की पावन धरा है,जिन्होंने देश की आन-बान-शान के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। ऐसे महान शूरवीरों की श्रेणी में उधम सिंह नाम शामिल है। इतना ही नहीं भारत की संस्कृति इतनी महान है कि जहां व्यक्ति सुबह उठकर पहला कदम रखते ही धरती मां को नमस्कार करते है,ऐसे संस्कार केवल भारत देश में ही है। हमें युवा पीढ़ी को भी संस्कारवान बनाना है ताकि देश को एक अच्छे नागरिक मिल सके। उन्होंने बताया कि जलियावाला बाग में हुई नरसंहार की घटना को लेकर ब्रिटिश सरकार जल्द ही क्षमा याचना का प्रस्ताव लाने वाली है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सक्षम देशों की श्रेणी में शामिल हुआ है। आज भारत सरकार की बात को मानने के लिए विदेशी सरकारें भी सहमत है,जो कि हमारे लिए गौरव की बात है।
मंत्री काम्बोज ने बताया कि शहीद उधम सिंह का जन्म 26 दिसम्बर 1899 को पंजाब के सुनाम कस्बे में साधारण किसान टहल सिंह के घर में हुआ। उधम सिंह के बचपन में मां का निधन हो गया। इसके बाद पिता और भाई का भी साया उनके सिर से उठ गया। अनाथ हुए शहीद उधम सिंह को अमृतसर के अनाथ आश्रम में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी करनी पड़ी। जब उधम सिंह ने जवानी की तरफ कदम रखा तो 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग में अंग्रेज हकूमत के गवर्नर माईकल ओयडवायर और जरनल डायर ने देश में आजादी की लड़ाई लडऩे वाले बैसाखी के पर्व के दौरान इकटठे हुए निर्दोष लोगों पर गोलियां चलवा दी।
इस अवसर पर हरियाणा काम्बोज सभा के प्रधान ईश्वर सिंह,ब्लॉक प्रधान रामचंद्र,फूल सिंह, रामबीर, देशराज,सुमेर चंद तथा समाज के गणमान्य व्यक्ति जयप्रकाश, निफा के चेयरमैन प्रीतपाल पन्नू, चरणजीत सिंह, सुमेर मुरादगढ़ तथा सूचना जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के लोक कलाकारों तथा हेमंत शर्मा (संगीत शिक्षक दिल्ली पब्लिक स्कूल करनाल)ने भी लोकगीतों के माध्यम से शहीद उधम सिंह की जीवनी पर प्रकाश डाला।