December 22, 2024
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करनाल/भव्या नारंग: उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत छोटे और लघु व्यवसाय करने वाले नागरिकों को स्वरोजगार के लिए 10 लाख रूपए तक सहायता ऋण पूंजी पर 35 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। ऋण सहायता के साथ ही सरकार कौशल प्रशिक्षण भी देती है। ब्रांडिंग और विपणन के लिए सहायता कुल व्यय की 50 प्रतिशत तक दी जाती है।

उपायुक्त ने बताया कि सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए सुनहरा अवसर प्रदान करते हुए सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत नागरिकों को ऋण सहायता प्रदान कर रही है। एमएसएमई सेक्टर का विस्तार करने पर अभूतपूर्व बल दिया जा रहा है। इसी कड़ी में अनेक नई योजनाएं शुरू की गई हैं। सरकार के इन महत्वपूर्ण प्रयासों से भारत के एमएमएमई सेंक्टर को और गति मिलने वाली है। प्रधानमंत्री सूक्षम खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत एमएसएमई केंद्र के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण में सूक्ष्म उद्यमों के विकास के लिए एक सफलतापूर्वक लागू किया गया है।

डीसी ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने राज्य / संघ राज्य क्षेत्र सरकार की भागीदारी में मौजूदा सूक्ष्म खाद्य उद्यमों के उन्नयन के लिए वित्तीय तकनीकी एवं कारोबार सहायता देने के लिए अखिल भारतीय आधार पर पीएम एफएमई प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना शुरू की है। योजना के तहत उद्यम का उन्नयन करने के इच्छुक सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना प्रोजेक्ट लागत के 35 प्रतिशत पर क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। अधिकतम सब्सिडी 10 लाख रुपए प्रति उद्यम तक हो सकती हैं। लाभार्थी का योगदान न्यूनतम 10 प्रतिशत होना चाहिए और शेष राशि बैंक से ऋण होनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि वर्किंग कैपिटल तथा छोटे औजारों की खरीद के लिए खाद्य प्रसंस्करण में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों के प्रत्येक सदस्य को 40 हजार रुपए की दर से प्रारंभिक पूंजी प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त सांझा पैकेजिंग और ब्रांडिंग विकसित करने, गुणवत्ता नियंत्रण, मानकीकरण का विकास करने तथा उपभोक्ता फुटकर बिक्री के लिए फूड सेफ्टी पैरामीटरों का पालन करने के लिए ओडीओपी दृष्टिकोण अपनाते हुए योजना के अंतर्गत एफपीओ/एसएचजी / सहकारिताओं अथवा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों एसपीवी को ब्रांडिंग और बिक्री सहायता दी जाएगी। ब्रांडिंग और विपणन के लिए सहायता कुल व्यय की 50 प्रतिशत तक दी जाती है। उन्होंने बताया कि योजना की विस्तृत जानकारी के लिए एमओएफपीआईडॉटएनआईसीडॉटईन पर देखें जा सकते हैं। इच्छुक प्रार्थी pmfme.mofpi.gov.in पर आवेदन कर सकता है।

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