करनाल/कीर्ति कथूरिया : आज भारतीय किसान यूनियन हरियाणा की मिटिंग किसान भवन करनाल में हुई जिसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष चौधरी जय कुवार एवं सरदार जीवन सिंह ने की।
मीटिंग में किसानों की समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया। किसानों ने मुख्य रूप से राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों को लेते हुए कहा है कि जो बच्चे राष्ट्र के लिए गोल्ड मैडल एवं अन्य सम्मान जनक कार्य करते हैं उनको अधिकारी, कर्मचारी ब्लैकमेल करके शोषण करने के मुद्दे सामने आ रहे हैं।
जिस प्रकार से राष्ट्रीय स्तर पर जिन जिन बच्चियों एवं पहलवानों ने राष्ट्र को सम्मान दिलवाया एवं गोल्ड मैडल उनकी झोली में डाले उनका भी शोषण किया जाता है। आज संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक ने निर्णय लिया है कि 3 मई को राष्ट्रीय स्तर पर डीसी हैड क्र्वाटर पर खिलाडिय़ों के समर्थन में ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
आज किसानों की समस्याओं पर विचार करते हुए कहा गया है कि सरकार लगातार किसानों की अनदेखी कर रही है। जितने भी फैसले सरकार ले रही है वह लगभग किसान विरोधी ही हैं। बेमौसमी बारिश से हुए नुकसान की अभी तक गिरदावरी पूरी नहीं हुई न ही किसानों को खराब फसलों का मुआवजा दिया गया है।
दूसरी तरफ सरकार के इस फैसले से किसान बहुत दुखी हैं एक तरफ तो बिजली के ट्रांसफार्मर एवं गांव की सुरक्षा की जिम्मेवारी सरकार द्वारा किसानों पर थोपी जाती है यदि चोरी करते हुए को किसान पकड़ भी ले और कोई अनहोनी हो जाए तो किसानों पर मुकदमें बनाकर उनको जेल में डाला जाता है।
2017 में करनाल जिले में चोरी करते हुए जो पकड़े गए थे उनकी ठंड या मारपीट की वजह से मौत हो गई आज किसानों पर 302 के मुकदमें बनाकर उनको जेलों में डाला जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन ने निर्णय लिया है कि हम सभी किसानों को समझाएंगे कि यह सब जिम्मेवारी छोड़ कर सरकार पर डाल दें।
यदि कोई हमारा ट्रांसफार्मर चोरी करके तो उसकी जिम्मेवारी बिजली बोर्ड की होनी चाहिए या पुलिस प्रशासन की। हमें तो केवल टयूबवैल के लिए बिजली चाहिए यदि सरकार कहेंगी भी तो हम उनकी या दूसरी प्रकार की कोई भी सुरक्षा नहीं करेंगे। जब सरकार व पुलिस शहरों की सुरक्षा कर सकती है, ग्रामीणों क्षेत्रों की और किसानों की सुरक्षा भी सरकार ही करे।
किसानों ने आज कहा है कि लगातार किसानों का भी शोषण होता आ रहा है। कोई सा भी विभाग हो हर चीज किसानों पर दबाव बनाते हैं जिससे किसान कर्जे की दलदल में लगातार फंसता जा रहा है और यही कारण है कि अधिक पैदावार पैदा करने के बाद भी किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं।
केंद्र व राज्य सरकारों के किसान विरोधी फैसले इसके लिए जिम्मेवार हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा तो किसान फिर दुबारा से आंदोलन करने पर मजबूर होगा जिसकी जिम्मेवारी केंद्र व राज्य सरकारों की होगी।
आज की मीटिंग में किसानों ने निम्न मुद्दे रखे हैं :
1. किसानों की फसलों के लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य दिए जाएं और हर फसल सब्जी, फल, अनाज का मिनीमम सपोर्ट प्राईज गारंटी का कानून बनाया जाए कि इससे नीचे कोई फसल नहीं बिकेगी।
2. किसानों को कर्ज मुक्त किया जाए।
3. किसानों की बिजली दर कम की जाए जो ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति यूनिट लगातार बढ़ाकर उद्योगों वाले खर्चों पर दी जा रही हैं। इसकी बजाए बिजली बोर्ड के कर्मचारियों व अधिकारियों की नौकरी कम करके व ऐशों आराम के खर्च कम करें ताकि आमजन पर इसका बोझ न पड़े। जिन किसानों ने टयूबवैल कनैक्शन के लिए पैसे जमा करवा रखे हैं उनको तुरंत कनैक्शन दिए जाएं और सिक्योरिटी बढ़ाने की खुली छूट दी जाए।
4. उत्तरी हरियाणा में पानी की समस्या देखने को मिल रही है यहां का पूरा पानी नहरों द्वारा दक्षिण और पश्चिम हरियाणा में भेज दिया गया है यहां के खेतों को नहरी पानी नहीं दिया जा रहा। सभी नहरी पानी के खालों को पक्का करके खेती को पानी दिया जाए।
5. देश की महिला पहलवानों का जो ब्लैकमेल करके शोषण किया जा रहा है उसको तुरंत बंद करके दोषियों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करके कानूनी कार्यवाही की जाए।
आज की मीटिंग में मुख्य रूप से प्रदेशाध्यक्ष सेवा सिंह आर्य, सरदार जीवन सिंह प्रधान असंध, राजेन्द्र सिंह ब्लाक प्रधान नीलोखेड़ी, ब्लाक घरौंडा प्रधान बलबीर सिंह, नम्बरदार बाबू राम करनाल ब्लाक प्रधान, बलधीर सिंह, जोगिन्द्र सिंह, नाथी राम काम्बोज, पूर्ण चन्द, राजपाल ब्लाक प्रधान इन्द्री, पाला राम कैथल, सुखवंत सिंह असन्ध, गुरमीत सिंह जिला प्रधान करनाल, गुरमुख सिंह, रामधारी, जितेन्द्र सिंह, रामकुमार पीटीआई, बलबीर सिंह गुढ़ा, टेकाराम गुढ़ा, नेकीराम रायपुर, राजेन्द्र सिंह, प्रदीप सैनी यमुनानगर आदि किसानों ने भाग लिया।