विरोध की चेतावनी के बाद भी करनाल में गुरुद्वारों की सेवा संभालने पहुंचे हरियाणा गुरुद्वारा कमेटी प्रधान व मेंबर्स, मंझी साहब गुरुद्वारे की आज संभालेंगे सेवा
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने आज करनाल जिले के दो गुरुद्वारों तरावड़ी के शीश गंज गुरुद्वारा और करनाल शहर का मंजी साहब गुरुद्वारे की सेवा संभाल ली है। ये सेवा बिलकुल शांतिपूर्ण तरीके से संभाली गई, कोई भी विरोध देखने को नहीं मिला, हालंकि पुलिस बल भी साथ मौजूद था, इस दौरान हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान महंत कर्मजीत सिंह और कमेटी के कई सदस्य मौजूद थे।
अब हरियाणा के एतिहासिक गुरुद्वारों की सेवा धीरे धीरे हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी संभालने लगी है। प्रधान कर्मजीत सिंह ने कहा कि आज तक जितने भी गुरुद्वारों की सेवा ली है, किसी के विवाद नहीं हुआ है , सिर्फ कुरूक्षेत्र में विवाद हुआ था वो भी सेवा संभालने के अगले दिन , अब करनाल के मंजी साहब गुरुद्वारे की सेवा ले ली है। वहीं उन्होंने कहा कि हमने 85 रूल के तहत जो गुरुद्वारे आते हैं उनकी सेवा संभाल ली है और जो गुरुद्वारे 87 रूल के तहत आते हैं उनकी भी सेवा संभाल रहे हैं। करनाल, कुरुक्षेत्र , अंबाला में जो जो गुरुद्वारे एसजीपीसी के अंदर आते थे उनकी सेवा हमने संभाल ली है। वहीं पिछले दिनों करनाल में सिख समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया था उस पर हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान महंत कर्मजीत ने कहा कि हम उनका धन्यवाद करते हैं जो प्रदर्शन कर रहे हैं, और प्रदर्शन करें वो । उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को एडहॉक कमेटी बनाने के लिए कहा था। जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, जब चुनाव का समय आएगा वो कुछ और कहेंगे वो तब कहेंगे ये नहीं करना चाहिए , वो करना चाहिए। हर राज्य में , हर जिले में विरोध करने वाली कमेटी होती है जो विरोध करती रहती है। विरोध में ही जिएंगे, विरोध में ही मरेंगे, बहुत सारे लोग हैं जो कह रहे थे, सदस्य ही बनवा दो कमेटी का, वेले बैठे हैं। पहले ये विरोध करते थे कि SGPC को खत्म करके हरियाणा की कमेटी बने, अब बन गई तो कहते हैं ऐसे चार्ज नहीं लेना। उन्होंने कहा कि हरियाणा के ना सिर्फ गुरुद्वारों में बदलाव आएगा , बल्कि जो स्कूल, कॉलेज, अस्पताल हैं उनमें भी बदलाव आएगा, सबका ध्यान रखा जाएगा , जिस हिसाब से वो प्रदर्शन कर रहे हैं ये नहीं लगता कि हमारी वो टांगे 14 महीने चलने देंगे, पर हम आम पब्लिक के लिए काम करेंगे , मुलाजिमों के लिए, उनके रहने की व्यवस्था , उनकी सैलरी के लिए काम करेंगे।