November 22, 2024

विकास मैहला : जिला पुलिस करनाल द्वारा ड्रग्स के कारोबार में संलिप्त नशा तस्करों के खिलाफ एक बडी कार्यवाही की गई है। इस कार्यवाही के तहत जिला पुलिस द्वारा ऐसे आरोपी की सम्पत्ति को फ्रीज करवाने के लिये कार्यवाही की गई है, जिसने अपनी सम्पत्ति नशे के कारोबार में संलिप्त रहते हुये व नशे द्वारा कमाये हुये रूपयों से अर्जित की थी।

इस कार्यवाही में आरोपी केहर सिंह वासी दंतोड़ी जिला कुरुक्षेत्र की कुल 01.50 करोड रूपये कीमत की अचल सम्पत्ति को फ्रीज करवाने के लिये कम्पीटेंट अथॉरिटी, दिल्ली को लिखित में भेजा गया था। कम्पीटेंट अथॉरिटी द्वारा आरोपी की कुल कीमत 01,50,00,000 रूपये की अचल सम्पत्ति को कन्फर्म फ्रीज कर दिया है। कन्फर्म फ्रीज की गई सम्पत्ति में मुख्य आरोपी केहर सिंह पुत्र राजाराम वासी गांव धनतौड़ी थाना शाहबाद तहसील थानेसर जिला कुरूक्षेत्र और इसके परिवारीक सदस्यों की अचल सम्पत्ति शामिल है।

इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिये कम्पीटेंट अथॉरिटी द्वारा आरोपियों को 45 दिन का समय दिया गया है। आरोपी इस दौरान अपनी अपील दाखिल करते हैं तो उसे सुना जायेगा अन्यथा फ्रीज सम्पत्ति को भारत सरकार अपने कब्जे में लेकर आगामी कार्यवाही करेगी।

अब तक जिला पुलिस द्वारा पिछले एक साल में लगभग 10 करोड़ की सम्पति एनडीपीएस एक्ट के तहत फ्रीज़ की जा चुकी है जिसे कम्पीटेंट ऑथोरिटी एनडीपीएस नई दिल्ली द्वारा भी कन्फर्म किया जा चुका है।

आरोपियों का नशा तस्करी में संलिप्त रहने का संक्षिप्त विवरण

आरोपी केहर सिंह व उसके परिजनों के खिलाफ जिला कुरूक्षेत्र व करनाल में करीब एक दर्जन मामले नशातस्करी की धाराओं के तहत दर्ज हैं और इनमें से अधिकतर मामले व्यापारिक मात्रा में मिली नशे की खेप के हैं। जिनमें से कुरूक्षेत्र के एक मामले में आरोपी केहर सिंह को 18 साल की कैद और 03,00,000 लाख रूपये जुर्माना किया गया था। किंतु आरोपी के जेल जाने पर उसके परिजन नशे के कारोबार को चलाते हैं और अब जेल से बाहर आने के बाद आरोपी को जिला पुलिस करनाल द्वारा थाना इन्द्री क्षेत्र से 95 किलोग्राम चुरापोस्त के साथ गिरफतार किया गया था। थाना इन्द्री में एन.डी.पी.एस. एक्ट की धाराओं में दर्ज मामले में ही आरोपी व उसके परिजनों की 06 अचल सम्पतियों को फ्रिज किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.