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करनाल।  राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के ब्रह्मपुत्र होस्टल में मंगलवार को बीटेक डेरी टेक्नोलोजी विभाग के विद्यार्थियों द्वारा मॉडल डेरी प्लांट के सोजन्य से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें संस्थान के विद्यार्थियों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया और 70 यूनिट रक्त एकत्रित किया। एनडीआरआई के निदेशक डा. आरआरबी ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने रक्तदान कर रहे युवाओं को बैज लगाकर और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया।
डा. आरआरबी ने कहा कि प्रतिदिन सैकड़ों लोगों की समय पर रक्त उपलब्ध न होने के कारण मौत हो जाती है। जिसमें सबसे ज्यादा संख्या सडक़ दुर्घटना में मरने वालों की होती है। समय पर खून मिलने से हजारों जिंदगी बचाई जा सकती है। इसी सोच से संस्थान के विद्यार्थियों ने एक बार फिर रक्तदान का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि रक्तदान एक महादान है। इस कुंभ में नहाने से सभी को पुण्य मिलता है। डा. सिंह ने कहा कि ब्लड डोनेट करने से बोडी एक्टीवेट होती है। इसलिए सभी स्वस्थ लोगों को ब्लड डोनेट करना चाहिए।
कल्पना चावला मेडिकल कालेज के निदेशक डा. सुरेंद्र कश्यप ने बताया कि कोई भी इंसान 18 से 60 वर्ष के बीच रक्तदान कर सकता है। एक साल में एक व्यक्ति तीन से चार बार रक्तदान कर सकता है। इससे नया खून जल्दी बनता है। शरीर में खून की कमी नहीं होती है। आपका एक यूनिट रक्त किसी के घर के चिराग को बुझने से बचा सकता है। इसलिए सभी को रक्तदान शिविर में बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए। इस अवसर पर मॉडल डेरी के महाप्रबंधक ज्ञान मुत्रेजा तथा चीफ होस्टल वार्डन डा. जेके कौशिक मुख्यरूप से उपस्थित रहे।

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