December 23, 2024
24-may-10

Live – देखें – स्वस्थ करनाल – बनेगा मिशाल थीम के साथ संजीवनी परियोजना का CM मनोहर लाल ने किया उदघाटन , कोरोना मरीजों को मिलेंगी इससे बड़ी राहत , देखें Live – Share Video

DC करनाल निशांत यादव के बेहतर प्रयासों से हुई आज इसकी शुरुयात

मुख्यमंत्री हरियाणा ने चंडीगढ़ से वीसी के माध्यम से की परियोजना की शुरूआत , कोविड महामारी के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए करनाल जिले ने स्वस्थ करनाल – बनेगा मिशाल की थीम के साथ संजीवनी परियोजना की अनूठी पहल शुरू की है। इस पहल के शुरू होने से जिले के कोविड मरीजों को अनेक सुविधाएं मिलेंगी, जोकि उनके स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित हो सकेंगी। इस संजीवनी परियोजना की शुरूआत मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज चंडीगढ़ से वीडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से की , जिला स्तर पर लघु सचिवालय के सभागार में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ , उपायुक्त निशांत कुमार यादव व अन्य सभी अधिकारियों के प्रयासों से एक अच्छे प्रोजेक्ट की शुरुयात हुई !

जिला प्रशासन द्वारा 6 कम्पोनेंट के माध्यम से कोविड मरीजों को दी जा रही सुविधाएं , कोविड महामारी के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए करनाल जिले ने स्वस्थ करनाल-बनेगा मिशाल की थीम के साथ संजीवनी परियोजना की अनूठी पहल शुरू की है। इस पहल के शुरू होने से जिले के कोविड मरीजों को अनेक सुविधाएं मिलेंगी, जोकि उनके स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित हो सकेंगी। परियोजना को करनाल की पहल के नाम से जाना जाता है। मुख्यमंत्री इस परियोजना को पूरे प्रदेश में संजीवनी के नाम से लागू करेंगे।

इस परियोजना के लागू होने से प्रदेश से कोविड हारेगा और हरियाणा जीतेगा।

उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि कोविड को हराने के लिए जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सहयोग से करनाल जिले में मरीजों को अनेक सुविधाएं दी जा रही हैं। इन सुविधाओं को और आगे बढ़ाते हुए जिला प्रशासन ने स्वस्थ करनाल-बनेगा मिशाल नाम से एक थीम शुरू की है।

जिला प्रशासन डिलोयट इंडिया के सहयोग से इस संजीवनी परियोजना को आगे बढ़ा रहा है, इस परियोजना में 6 बिंदुओं पर काम किया गया है, जिस पर 5 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। इनमें टेली कन्सलटेशन, होम केयर किट, फील्ड अस्पताल, लैब टैस्ट फॉर होम आईसोलेटिड पेशेंट, एएलएस एम्बुलैंस, इंटिग्रेटिड कमांड एंड कंट्रोल सैंटर शामिल हैं।

उपायुक्त ने बताया कि संजीवनी परियोजना के तहत डिलोयट कंपनी के सहयोग से जिला प्रशासन द्वारा 200 ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर जिनकी कीमत 2 करोड़ 80 लाख रुपये है व एक कन्सनटे्रटर की कीमत 1 लाख 25 हजार रुपये है, पल्स ऑक्सीमीटर 40 लाख 76 हजार रुपये के 6500 खरीदे गए हैं, एक ऑक्सीमीटर की कीमत 560 रुपये है।

उन्होंने बताया कि पल्स ऑक्सीमीटर में प्रयोग होने वाली 72 हजार 865 रुपये के 13 हजार बैटरी खरीदी गई, एक बैटरी की कीमत 4 रुपये 75 पैसे है, 8 लाख रुपये के 6500 डिजिटल थर्मामीटर खरीदे गए, एक थर्मामीटर की कीमत 110 रुपये है। प्रशासन द्वारा स्वयं 35 लाख 25 हजार रुपये के तीन महीने में 2500 टैस्ट प्रतिमाह करवाए जाने हैं, एक टैस्ट की कीमत 470 रुपये है, 91 लाख 20 हजार रुपये के 6 माह के लिए कंपनी द्वारा 8 एडवांस एम्बुलैंस किराए पर ली गई, एक एम्बुलैंस का किराया व अन्य खर्च 1 लाख 90 हजार रुपये है।

इसी प्रकार प्रशासन द्वारा केसीजीएमसी के 200 छात्रों को तीन माह के लिए प्रतिमास 5 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी जानी है जिसका खर्च 30 लाख रुपये है। प्रशासन द्वारा जिले में संजीवनी परियोजना के तहत 4 करोड़ 86 लाख रुपये खर्च किए हैं।

उपायुक्त ने बताया कि जिले में टेली कन्सलटेशन के लिए केसीजीएमसी के 200 एमबीबीए छात्रों को टे्रनिंग दी गई। इन छात्रों को होम आईसोलेशन में रह रहे कोविड मरीजों के स्वास्थ्य की देखभाल का जिम्मा दिया गया है। एक छात्र 25 मरीजों की दिन में दो बार फोन करके स्वास्थ्य की जानकारी लेगा, इसके बदले छात्र को 5 हजार रुपये मासिक प्रोत्साहन के रूप में दिए जाएंगे। इन छात्रों को 5786 पेशेंट अलॉट किए गए हैं। इन छात्रों द्वारा अब तक 34704 कॉल की गई परिणामस्वरूप 11 मरीजों को जो होम आईसोलेटिड रह रहे थे, इन छात्रों की सिफारिश पर मरीजों को फील्ड अस्पताल में दाखिल किया गया।

बॉक्स: संजीवनी परियोजना के तहत 6500 किट तैयार, होम आईसोलेटिड मरीजों के ईलाज में मिलेगा सुविधा – डीसी।

उपायुक्त ने बताया कि संजीवनी परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में होम आईसोलेट रह रहे कोरोना के मरीजों के स्वास्थ्य के लिए 6500 किट तैयार की गई। इन किट में एक ऑक्सीमीटर, डिजिटल थर्मामीटर, स्टीमर, थ्री लेयर मास्क, आयुष क्वाथ, गिलोय घनवटी, अणु तेल, ओआरएस तथा कोरोना बीमारी से संबंधित जानकारी से भरपूर बुकलेट सहित एलोपैथी व आयुर्वेदिक दवाइयां के साथ कुल 15 आइटम शामिल हैं। परिणामस्वरूप यह सभी किटें होम आईसोलेट हो रहे मरीजों को वितरित की गई। उन्होंने बताया कि पल्स ऑक्सीमीटर द्वारा ऑक्सीजन लेवल कम पाए जाने पर मेडिकल छात्रों ने 197 मरीजों की कॉल को चिकित्सक सलाहकार के पास ट्रांसफर किया तथा 11 मरीजों को फील्ड अस्पताल में दाखिल करवाया गया तथा 77 मरीजों के लैब टैस्ट करवाए गए।

बॉक्स: परियोजना के तहत जिले में 9 फील्ड अस्पताल बनाए गए, 8 सीएचसी में 116 बैड की सुविधा, केसीजीएमसी में मरीजों का दबाव हुआ कम – डीसी।

उपायुक्त ने बताया कि संजीवनी परियोजना के तहत 9 फील्ड अस्पताल बनाए गए। जिला स्तर पर हीना बैंक्वेट हॉल में 100 बैड का अस्पताल बनाया गया, फील्ड की 8 सीएचसी में 116 बैड की सुविधा दी गई और सभी बैडों पर ऑक्सीजन सप्लाई कन्सनट्रेटर के माध्यम से दी गई। परिणामस्वरूप फील्ड अस्पताल से 15 मरीज जिला फील्ड अस्पताल में दाखिल करवाए गए और 37 मरीज सीएचसी लेवल के फील्ड अस्पताल में दाखिल करवाए गए जिससे केसीजीएमसी में मरीजों का दबाव कम हुआ और मरीजों को उनके घर द्वार पर ही ईलाज संभव हो सका।

बॉक्स: 2500 टैस्ट प्रतिमाह करवाए जा रहे, 24 घंटे में मिल रही रिपोर्ट – डीसी।

उपायुक्त ने बताया कि संजीवनी परियोजना के तहत होम आईसोलेटिड मरीजों का हिन्दुस्ताल वैलनेस लैब द्वारा 2500 टैस्ट प्रतिमाह करवाए जाएंगे जिनमें मरीज का सीबीसी, ब्लड शुगर, सीआरपी टैस्ट शामिल हैं। मरीजों का सैंपल लैब के कार्यकर्ताओं द्वारा घर से ही एकत्रित किए जाएंगे। परिणामस्वरूप घर पर ही आईसोलेट हो रहे मरीजों की बीमारी की जानकारी घर पर ही मिल सकेगी, 77 लैब टैस्ट पहले ही करवाए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि 24 घंटे में लैब से रिपोर्ट मिल रही है।

बॉक्स: संजीवनी परियोजना के तहत 8 सीएचसी में एडवांस लाईफ स्पोर्ट एम्बुलैंस की सुविधा उपलब्ध, मरीजों के लिए हुआ सफर आसान – डीसी।

उपायुक्त ने बताया कि संजीवनी परियोजना के तहत 8 एडवांस लाईफ स्पोर्ट एम्बुलैंस सीएचसी में दी गई, प्रत्येक एम्बुलैंस पर दो ड्राईवर और दो लैब टैक्रि निशियन तैनात किए गए। फील्ड स्तर पर एडवांस लाईफ स्पोर्ट एम्बुलैंस होने से मरीज को जिला स्तर के अस्पताल में लाने में सहायता मिल रही है।

बॉक्स: कोविड की गतिविधियों को जानने के लिए सैक्टर 12 में बना इंटीग्रेटिड कंट्रोल एंड कमांड सेन्टर, की जाएगी मॉनिटरिंग – डीसी।

उपायुक्त ने बताया कि संजीवनी परियोजना के तहत करनाल में कोविड मरीजों से जुड़ी सभी प्रकार की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए प्रशासन की ओर से सैक्टर 12 में इंटीग्रेटिड कंट्रोल एंड कमांड सेन्टर खोला गया है। इस सेंटर की स्थापना से जिला में कोविड केयर प्रबंधन के तहत ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन बैड, वेंटिलेंटर, ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर, वैक्सीन इत्यादि सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता का प्रत्येक दिन का डिजिटल डाटा व रिपोर्ट एक ही स्थान पर मिल रही है। जिसे आधुनिक तकनीकी उपकरणों के माध्यम से बड़ी स्क्रीन पर देखा जा रहा है। इस व्यवस्था से कोविड प्रबंधन में सहायता मिल रही है और जरूरत अनुसार संबंधित क्षेत्र तथा स्थान पर आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाए जा रहे है। इन सब चीजों की बेहतर मोनिटरिंग से जिला के कोविड मरीजों के रिकवरी रेट में भी अच्छा सुधार हुआ है।

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