December 23, 2024
Baldi-gaon

कोविड संक्रमित मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए शुरू की मुहिम अब रंग लाने लगी है। समाजसेवी बृज गुप्ता, रमेश मिड्ढा, सुनील मदान , पार्षद ईश गुलाटी , मंदीप सिंह ( मन्नी ) व अन्यों के प्रयास के बाद अब जिले के दानी सज्जनों ने हाथ बढ़ाना शुरू कर दिया है। यह टीम कोरोना संक्रमित मृतकों के संस्कार के लिए 18 दिन में 3500 क्विंटल लकड़ी जुटा चुकी है। 3.5 क्विंटल घी अब तक दानी लोग दान कर चुके हैं। यही नहीं 8 क्विंटल सामग्री और 210 पेटी पानी भी बलड़ी गांव के श्मशान घाट अब तक पहुंच चुका है। 25 किलो कपूर और 15 किलो चंदन की लकड़ी भी दानी सज्जन यहां दान कर चुके हैं। दानवीर कर्ण की नगरी में दान का यह सिलसिला बदस्तूर जारी है।

सहयोग के लिए आगे आए यह दानी
कोविड संक्रमितों के संस्कार के लिए अब तक राजकुमार गोयल निसिंग, शिव शक्ति तरावड़ी, अरोमा राइस, अशोक माणिक, फतेह सिंह गुर्जर, पंकज भारती, प्रीतपाल पन्नू, पप्पू खन्ना, बी.आर. मदान, कृष्ण लाल तनेजा, पार्षद मुकेश अरोड़ा, रामचंद्र काला एम.सी., कुनाल मदान ठेकेदार, राजीव गिरधर, नीलम विज, अंकुर अरोड़ा, अनिल रहलन, विकास कश्यप, मनोज वधवा, राजेश वधवा, सुभाष कोच, सतीश मित्तल, पवन तरावड़ी, राजबीर पाढ़ा, पंकज टंडन, विमल जैन, निर्दोष जैन, सुनील मदान, धर्मेंद्र चावला, नवीन गुप्ता, मंजीत कालिया, अनुप भारद्वाज व विकास कुंजपुरा समाजसेवी टीम की मदद कर चुके हैं।

अस्थि चयन के लिए सुबह ढ़ाई घंटे
समाजसेवी बृज गुप्ता, रमेश मिड्ढा, सुनील मदान व पार्षद ईश गुलाटी ने बताया कि रोजाना नए दानी सज्जन इस मुहिम से जुड़कर पुण्य के भागी बन रहे हैं। श्मशान घाट में मृतकों के परिजनों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा गया है। रोजाना सुबह 6 बजे से साढ़े 8 बजे तक अस्थि चयन का समय रखा गया है। श्मशान घाट में ब्राह्मण की व्यवस्था भी की गई है। हाल ही में उनकी टीम ने यहां एक और शैड का निर्माण करवाया है। जनता से अपील की कि संकट की इस घड़ी में मदद के लिए आगे आएं। इस अभियान से जुड़कर कोविड संक्रमित मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी करें।

18 दिनों में 325 शवों का करवाया संस्कार
समाजसेवी बृज गुप्ता व रमेश मिड्ढा ने बताया कि बलड़ी गांव के श्मशान घाट में 18 दिनों 325 कोविड संक्रमित मृतकों का संस्कार करवाया जा चुका है। इसके अलावा मंगलवार दोपहर के बाद भी संस्कार हुए हैं। श्मशान घाट में गंगाजल, कपूर के साथ ही तुलसी की लकड़ी का प्रबध भी यह समाजसेवी कर रहे हैं।

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