December 23, 2024
18-may-14
  • पार्कों में टाइल्स की जगह लगाई जाए हरी घास, मिलेगा अद्भुत लाभ: संतोष यादव
  • समाधानांचल संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने डीसी को सौंपा सीएम के नाम ज्ञापन
  • सुझाव देते हुए बोली संतोष यादव टाइल्स की जगह हरी घास लगाना प्रकृति व जनहित में

करनाल समाधानांचल संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट संतोष यादव द्वारा नगर निगम द्वारा पार्कों में टाइल्स के रास्ते बनाने पर रोक लगाने की गुहार लगाई गई है। आपको बता दें कि आज करनाल के उपायुक्त के माध्यम से संतोष यादव ने सीएम मनोहर लाल के नाम एक ज्ञापन प्रेषित किया है।

जिसमें उन्होंने प्रशासन को अपना सुझाव देते हुए कहा कि पार्कों में आजकल बड़ी तेजी टाइल्स लगाई जा रही हैं, जो ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि टाइल्स की जगह हरी भरी घास लगानी चाहिए। साथ ही उन्होंने टाइल्स के नुकसान बताते हुए कहा कि टाइल्स लगाने का दूरगामी परिणाम यह होगा कि जलस्तर बहुत ही नीचे चला जाएगा।

बेहतर यह होगा कि प्रशासन जल संरक्षण प्रणाली को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय ले। उन्होंने कहा कि खासकर पार्कों में जितनी कच्ची जगह होगी उतना ही फायदेमंद है, क्योंकि इस जगह पर पेड़-पौधे लगाए जा सकते हैं। आज पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है, ऑक्सीजन की लगातार कमी हो रही है, ऐसे में कच्ची जगह पर अगर पेड़ पौधे लगाए जाएंगे तो भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन भी मिलेगी और वातावरण भी शुद्ध होगा।

उन्होंने कहा कि टाइल्स की जगह हरी घास लगाने के भी बेहद फायदेमंद हैं। वैज्ञानिक तौर पर भी हरी घास पर पैदल चलने के अदभुत फायदे हैं। लेकिन टाइल्स लगने से यह लाभ नहीं मिल पाएगा। साथ ही उन्होंने सडक़ों के दोनों तरफ पक्के फुटपाथ पर टाइल्स लगाने की जगह हरी घास व पेड़ पौधे लगाने का भी सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि उनका यह सुझाव प्राकृति और जनहित में है, इसलिए प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

यहां आपको यह भी बता दें कि ज्ञापन के माध्यम से संतोष यादव ने कहा है कि स्मार्ट सिटी व राज्य के विभिन्न जिलों तथा गांव स्तर पर सौंदर्यीकरण विकास के नाम पर नगर निगम तथा स्थानीय पंचायत निकायों द्वारा रोड के दोनों तरफ व पार्कों के अंदर की पगडंडियों व पार्कों में बनाए गए तालाबों की निचली सतह को टाइलों के द्वारा पक्का किया जा रहा है।

जिसका दूरगामी परिणाम यह होगा कि शहरों तथा गांव में जलस्तर बहुत ही नीचे चला जाएगा जिस समस्या से कई जिले आज भी जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए प्रशासन को इस ओर खास ध्यान देना चाहिए। गौरतलब है कि समाधानांचल संस्था विगत आठ वर्षों से हरियाणा राज्य के विभिन्न जिलों में त्रिवेणी कार्यक्रम के तहत बरगद, पीपल तथा नीम के पौधों का वृषारोपण कर रही है।

यहां यह भी विदित है कि संस्था ने पिछले वर्षों में हरियाणा राज्य के साथ-साथ राजस्थान तथा पंजाब राज्य में भी इस त्रिवेणी कार्यक्रम को सफलतापूर्वक ढंग से संचालित किया है।

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