शहर के वार्ड 7 के पार्षद सुदर्शन कालड़ा का सोमवार को मोहाली के फोर्टिस में निधन हो गया। वे कई दिनो से बीमार चल रहे थे और अंतत: मौत से जंग हार गए। जैसे ही प्रात: उनके निधन का समाचार मिला, शहर के हर वर्ग के लोगों ने उस पर दुख जताया। नगर निगम आयुक्त विक्रम सहित तमाम अधिकारियों व कर्मचारियों ने सुदर्शन कालड़ा के निधन पर गहरा दुख प्रकट करते हुए शोकसंतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
निगमायुक्त ने कहा कि सुदर्शन कालड़ा मृदुभाषी, मिलनसार और बेबाक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे, जो हमेशा अपने वार्ड की समस्याओं का निराकरण तथा विकास करवाने की बातें किया करते थे। उन्होंने कहा कि एक अच्छे इंसान होने के नाते सुदर्शन कालड़ा की क्षति पूरी नहीं की जा सकती।
4 बार पार्षद बने थे सुदर्शन कालड़ा- सुदर्शन कालड़ा के सुपुत्र नितिन ने बताया कि वे 2 बार नगर निगम के और उससे पहले 2 बार नगर परिषद के पार्षद बने। उनकी लगातार जीत हासिल करने के पीछे कारण यह था कि वे वार्ड के हर व्यक्ति के सुख-दुख में आगे रहते थे। किसी से भी ईष्र्या का भाव न रखने वाले सुदर्शन कालड़ा कभी भी आलोचनाओं में नहीं रहे।
नितिन ने बताया कि 61 वर्षीय सुदर्शन कालड़ा कुछ दिन पहले कोरोना से संक्रमित हो गए थे। ईलाज के लिए शहर के एक निजी अस्पताल में करीब एक सप्ताह दाखिल रहे। इस दौरान काफी रिकवरी हो जाने के बाद वे घर आ गए थे और दो दिन पहले ही उन्हें सिर में अत्याधिक दर्द होने की शिकायत हुई, परिणामस्वरूप उन्हें मोहाली के फोर्टिस में ले जाया गया, जहां डायग्नोज में ब्लैक फंगस की बीमारी बताई गई, जिसका असर उनकी आंखों में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था। इस दौरान रविवार को फोर्टिस में उनका ईलाज शुरू हुआ और सोमवार प्रात: वह बीमारी के प्रभाव से चल बसे।