करनाल जिलाधीश निशांत कुमार यादव ने बताया कि हरियाणा सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत राज्य में सात दिन के लिए लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया है। गृह विभाग की तरफ से पूरे राज्य में सात दिन का लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि 3 मई सोमवार से लेकर सात दिन के लिए यह लॉकडाउन लगाया गया है।
आपदा प्रबंधन की राज्य कार्यकारी कमेटी के चेयरमैन हरियाणा के मुख्य सचिव विजय वर्धन की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। निर्देशों में कहा गया है कि उक्त जिलों में सभी नागरिक घरों में ही रहें। किसी भी नागरिक को उक्त अवधि में पैदल या किसी वाहन से सडक़ पर या सार्वजनिक स्थान पर घूमने की अनुमति नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि उक्त निर्देशों में जिन व्यक्तियों और सेवाओं को छूट दी गई है उनमें ऐसे लोग जो लॉ एंड आर्डर या आपात सेवाओं में तैनात होंगे। इनमें म्यूनिसिपल सेवाएं, पुलिस, सेना/सीएपीएफ के वर्दीधारी कर्मचारी, स्वास्थ्य, बिजली, अग्नि शमन, मान्यता प्राप्त मीडियाकर्मी, कोविड-19 के अंतर्गत काम कर रहे सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। इस अवधि के दौरान पहचान पत्र दिखाकर इन्हें आने-जाने में छूट मिल सकेगी। इसके अलावा, किसी परीक्षा में शामिल होने के लिए या परीक्षा में ड्यूटी आदि पर जाने वाले लोगो को भी एडमिट कार्ड/ पहचान पत्र दिखाकर आने-जाने में छूट रहेगी। आवश्यक वस्तुओं के निर्माण में लगे लोगों पर भी आने-जाने में कोई रोक नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि राज्य के अंदर व बाहर आवश्क वस्तुओं को ले जा रहे वाहनों पर भी कोई रोक नहीं होगी। ऐसे कार्यों में लगे वाहनों को पास उपलब्ध करवाए जाएंगे। ये पास लोडिंग व अंलोडिंग के स्थानों की वैरीफिकेशन के बाद जारी होंगे। नागरिक अस्पताल, पशु अस्पताल, सभी संबंधित मैडिकल सेवाएं, मैन्युफेक्चिरिंग और वितरण यूनिटस को भी छूट रहेगी यह सुविधा सरकारी और निजी क्षेत्र के लिए लागू होगी इनमें डिस्पेंसरी, कैमिस्ट, फार्मेसी (जन औषधि केंद्र सहित) और मेडिकल उपकरण की दुकानें, लेबोरेट्री , फार्मा रिसर्च लैब, क्लिनिक, नर्सिंग होम, एंबुलेंस आदि को काम करने की छूट रहेगी। सभी स्वास्थ्यकर्मियों, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, अस्पताल की सहायता के लिए आवश्यक सेवाओं के लिए आवागमन की अनुमति रहेगी।
इसके अलावा, जिन अन्य आवश्यक वाणिज्यक एवं निजि सेवाओं को छूट रहेगी उनमें टेली कम्यूनिकेशन, इंटरनेट सेवाएं, प्रसारण एवं केबल सेवा, आईटी और आईटी संबंधी सेवाओं के अलावा, ई-कॉर्मस के माध्यम से आवश्क वस्तुओं की डिलीवरी को छूट रहेगी। इनमें भोजन, फार्मास्यूटिकल, मेडिकल उपकरण आदि की डिलीवरी शामिल हैं। पैट्रोल पंप, एलपीजी गैस आदि के स्टोर आउटलेट भी खुले रहेंगे। बिजली निर्माण, प्रसारण और वितरण संबंधी सेवाएं, कोल्ड स्टोर, वेयरहाउस, प्राइवेट सिक्योरिटी सर्विस के अलावा खेती से जुड़े कार्यो के लिए किसानों और मजदूरों के आवागमन पर छूट रहेेगी। रेस्टोरेंट और होटल आदि केवल होम डिलिवरी के लिए खोले जाएंगे।
राज्य में अंतर्राज्यीय कटाई और बिजाई के कार्यो के लिए कृषि एवं बागवानी में उपयुक्त होने वाले उपकरणों के लिए राज्य के अंदर व राज्य के बाहर आवागमन में छूट रहेगी। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन या अंतर्राज्यीय बस स्टैंड के लिए आने-जाने वाले यात्रियों को छूट दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला मजिस्ट्रेट या अन्य प्राधिकृत से पूर्व अनुमति ले चुके विवाह समारोह के लिए शर्तों के साथ छूट रहेगी। इसके लिए इंडोर कार्यक्रम के लिए 30 और आउटडोर के लिए 50 व्यक्तियों से अधिक का कार्यक्रम नहीं किया जा सकेगा।
मुख्य सचिव की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि इस लॉकडाउन की अवधि में छूट प्रदान की गई है इसके बावजूद जो भी प्रोटोकोल स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर बताएं जाएं संगठन/ नियोक्ता उनका सख्ती से पालन करवाना सुनिश्चित करेगें। सभी औद्योगिक इकाईयों, उद्योगपतियों एवं संबंधितों को सरल हरियाणा पोर्टल पर पास के लिए आवेदन करना अनिवार्य है। जारी निर्देशों मे स्पष्टï रूप से कहा गया है कि संबंधित क्षेत्रों मेें उक्त प्रतिबंधों का पालन न करने वालों के खिलाफ सेक्शन 51 से 60 और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अलावा आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई होगी।
करनाल 2 मई, अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेन्द्र सिंह ने रविवार को लघु सचिवालय के सभागार में जिला करनाल की कोविड-19 की स्थिति को मद्देनजर रखते हुए अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और निर्देश दिए कि महामारी व मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सहित जिले में अन्य मेडिकल सुविधाओं के विस्तार की व्यापक योजना बनाए और योजना को जल्द से जल्द धरातल पर सार्थक रूप दें। एसीएस ने कहा कि कोविड-19 महामारी से लडऩे के लिए जरूरी बैड, आईसीयू वार्ड तथा अतिरिक्त ऑक्सीजन की उपलब्धता इन सब बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए जिला स्तर पर प्रभावी ढंग से कार्य होना चाहिए।
इन सबके लिए पैसों की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मेडिकल एमरजेंसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया जाना अत्यंत आवश्यक है और इन सुविधाओं के बढऩे से भविष्य में किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम होंगे। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि जिलास्तर पर प्रतिदिन आने वाले कोविड पोजिटिव केसों, रिकवर हुए मरीजों, अस्पताल में दाखिल हुए मरीजों तथा अस्पताल से डिस्चार्ज हुए मरीजों की समीक्षा करें और प्रतिदिन के आंकड़ों का प्रयोग करते हुए साप्ताहिक ग्राफ तैयार करें। उन्होंने यह भी कहा कि साप्ताहिक ग्राफ की वीक टू वीक समीक्षा भी जरूरी है,तभी पता चल पाएगा कि हम इस महामारी से लडऩे में कितने सफल हुए है।