December 24, 2024
5-feb-13

Live – देखें – No Farmer No Food… ने शादी के कार्ड पर भी बनाई जगह , शादी के कार्ड के माध्यम से भी जन-जन तक पहुंच रही किसान की आवाज़ ,देखें Live – Share Video

दूल्हे के पिता ने कहा-इंटरनेट या मीडिया पर सरकार का जोर चलता लेकिन शादी के कार्ड के माध्यम से किसानों के हकों की आवाज़ करेंगे बुलंद….एतिहासिक आंदोलन के समय का एतिहासिक कार्ड…संभाल कर रखेंगे और आने वाली नस्लों को दिखाएंगे
अक्सर शादी के कार्ड पर लोग देवी-देवता या फिर अपने धर्म व दूल्हा-दुल्हन से जुड़ी चीजें व स्लोगन छपवाते हैं लेकिन जब से किसान आंदोलन चला है तब से किसान का झंडा और किसान से जुड़े स्लोगन जैसे की No Farmer- No Food, I Love खेती काफी ट्रेंड कर रहे हैं और वीआईपी कल्चर की तरह लोग इन्हें अपनी महँगी-महँगी गाड़ियों पर लगाना पसंद करने लगे हैं। यहां तक कि टोल प्लाज़ा पर भी किसान का झंडा वीआईपी कार्ड की तरह चलने लगा है।

आज की इस एतिहासिक आंदोलन का हिस्सा हर कोई बनने लगा है। जब इंटरनेट भी बन्द कर दिया गया हो और अखबार व चैंनल भी किसानों की आवाज़ को ठीक से ना दिखा रहे हों तो किसानों ने अपनी आवाज़ को बुलंद करने का एक और तरीका निकाला लिया जिससे जन-जन तक उनकी आवाज़ पहुंचेगी।

किसानों ने विवाह शादी के कार्डों पर भी किसानी स्लोगन लिखवाने शुरू कर दिए है। कैथल की विभिन प्रिंटिंग प्रेस पर काफी लोग किसान आंदोलन से रिलेटेड कंटेंट वाले शादी कार्ड छपवा रहे हैं। शादी के कार्डों पर No Farmer-No food वाला लोगो-स्लोगन बहुत ट्रेंड कर रहा है और इसके साथ भगत सिंह व सर छोटूराम की फ़ोटो भी छपवाई जा रही है।

जब प्रिंटिंग प्रेस वालों से इस विषय मे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि आजकल ये बहुत ट्रेंड चल रहा है और लोग शादी के कार्डों पर छपवा रहे हैं। पिछले डेढ़-दो महीने से शादी के हर दूसरे-तीसरे कार्ड पर किसानी से जुड़े लोगो-स्लोगन छप रहे हैं।
दूल्हा बनने जा रहे प्रवीन से जब इस विषय मे पूछा गया तो कहा कि हम जन्म किसान के घर हुआ हैं और ये लिखवाना गौरव का विषय है।

अगर हम दिल्ली नहीं जा सकते कम से कम इस तरह से मोरल स्पोर्ट तो कर सकते हैं। इस तरह से हम अपनी आवाज़ उन लोगों तक भी पहुंचा सकेंगे जिनको आंदोलन के विषय मे नही पता।

दूल्हे कमलदीप के पिता प्रेम सिंह ने कहा-इंटरनेट या मीडिया पर सरकार का जोर चलता लेकिन शादी के कार्ड के माध्यम से किसानों के हकों की आवाज़ बुलंद करेंगे और किसानान्दोलन के प्रति जागरूक करेंगे।….उन्होंने ये भी कहा कि ये किसान आदोंलन एतिहासिक आंदोलन है और इस समय का छपा हुआ ये शादी का कार्ड भी एतिहासिक होगा जिसको हम संभाल कर रखेंगे और आने वाली नस्लों को दिखाएंगे की हमारे समय मे इस तरह के आंदोलन हुए थे और शादी के कार्डों के माध्यम से भी हमने आवाज़ बुलंद की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.